प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 5 सालों में देश में कई काम किए। स्वच्छता अभियान से लेकर स्मार्ट सिटी तक उनका हर काम अनूठा था। फिर भी लोकसभा चुनाव में आज सबसे बड़ा मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद है। इन 4 कारणों से मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाया है...
युवा वोटर पर नजर : इस चुनाव में मोदी उन युवाओं को टारगेट कर रहे हैं जो पहली बार वोट डालेगा। युवाओं को यह मुद्दा सबसे ज्यादा आकर्षित करता है। मोदी ने यह बात समझ ली और जहां भी मौका मिलता है इस मुद्दे को जरूर उठाते हैं। विपक्ष के पास भी इस मामले की कोई काट नहीं है।
अटलजी से सबक : पीएम मोदी ने इस चुनाव में 2004 के लोकसभा चुनावों से सबक सीखा है। उस समय तत्कालिन पीएम अटल बिहारी वाजपेयीजी ने भी देश में विकास की गंगा बहा दी थी। वह चुनाव भाजपा ने विकास के मुद्दे पर लड़ा। इंडिया शाइनिंग और फिल गुड फेक्टर हर जुबान पर था लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
नोटबंदी और जीएसटी पर विपक्ष हमलावर : मोदीजी और भाजपा इस बार नोटबंदी और जीएसटी को भी अपना मुद्दा बना सकते थे लेकिन विपक्ष के आक्रामक रवैए के कारण उन्हें अपने कदम पीछे हटाने पड़े। भाजपा और संघ की अंदरूनी रिपोर्ट भी इस बात का इशारा कर रही थी कि इन दोनों ही कारणों से व्यापारी वर्ग में भारी नाराजगी है।
राहुल की न्याय योजना : मोदी सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में उज्जवला योजना जैसी कई लोकहितैषी योजनाएं बनाई। मोदीजी इन योजनाओं को चुनाव में भुनाना भी चाहते थे लेकिन राहुल गांधी ने कांग्रेस के घोषणापत्र में न्याय योजना लाकर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। राहुल के इस चुनावी वादे की काट उनके पास नहीं थी।