जिस ब्रिटिश व्यक्ति पर भारत के साथ अगस्तावेस्टलैंड कंपनी के लिए बिचौलिए की भूमिका निभाने का आरोप है, उसे संयुक्त अरब अमीरात ने भारत को प्रत्यर्पित कर दिया है। अदालत ने उन्हें पुलिस हिरासत में भेजा।
कथित बिचौलिए का नाम है क्रिस्चियान मिशेल जेम्स और वह ब्रिटिश नागरिक है। यूएई से भारत प्रत्यर्पित किए गए इस व्यक्ति की मदद से भारत और एंग्लो-इतावली कंपनी अगस्तावेस्टलैंड के बीच हुई विवादास्पद डील के तार सुलझने की उम्मीद है। जेम्स पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों को डील के लिए राजी करवाने के लिए उन्हें घूस दिलवाने का इंतजाम किया।
पूरा विवाद इटली की इस कंपनी से हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर है। जिसमें भारत ने साल 2010 में अगस्तावेस्टलैंड से करीब 55 करोड़ यूरो के मूल्य के 12 हेलिकॉप्टर खरीदे थे। जेम्स को कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली कोर्ट में पेश किया गया। पहले पांच दिनों के लिए उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और इस बीच वह अपने वकील से भी मिल सकेगा।
इस कंपनी पर इटली में भ्रष्टाचार का मुकदमा चला था जिसके दौरान कई सबूत सामने आए। इतालवी अभियोजन पक्ष का आरोप है कि कंपनी ने पूरे डील का करीब 10 फीसदी यानि करीब 5.5 करोड़ यूरो घूस के रूप में भारतीय अधिकारियों को दिया। भारत के तत्कालीन वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी और उनके रिश्तेदारों के अलावा कई राजनीतिक नेताओं पर भी रिश्वत लेने का आरोप लगा। इटली की निचली अदालत ने इस मुकदमे को खारिज कर दिया था और उच्च न्यायालय ने उसके फैसले को उलट दिया।
जेम्स को दुबई में फरबरी 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ भारत की ओर से अरेस्ट वारंट और इंटरपोल का नोटिस निकला हुआ था। चुनावी सभाओं में बोलते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए विपक्षी कांग्रेस पर हमला बोला है। इटली में अगस्तावेस्टलैंड की पेरेंट कंपनी फिनमेकानिका के पूर्व प्रमुख को 2014 में जेल की सजा सुनाई गई थी लेकिन फिर वे छूट भी गए।