नई दिल्ली। एशियाई खेलों में दो बार की पदक विजेता स्टीपलचेज एथलीट सुधा सिंह और राष्ट्रीय कुश्ती कोच कुलदीप सिंह को बुधवार को उनके नियोक्ता भारतीय रेलवे ने ‘उदार नीति’ के तहत पदोन्नति दी जो खिलाड़ियों और उनके कोच को प्रेरित करने के लिए बनाई गई।
इस साल राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सम्मान समारोह में इस नीति की घोषणा की गई थी जिसके तहत एथलीट और उनके कोच को राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक जीतने के लिए समय से पूर्व पदोन्नति देने का वादा किया गया था। दो ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले एथलीट ही इस पदोन्नति के योग्य होते हैं।
रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड ने बयान में कहा, इस नीति के अंतर्गत सबसे पहले भारतीय महिला कुश्ती टीम के मुख्य कोच कुलदीप सिंह को फायदा मिलेगा जिसमें उन्हें उत्तर रेलवे में सहायक व्यवसायिक प्रबंधक के राजपत्रित पद पर तैनात करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
कुलदीप ओलंपिक कांस्य पदकधारी साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदकधारी विनेश फोगाट सहित अन्य के कोच हैं और ए दोनों रेलवे की कर्मचारी हैं। रेलवे की विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय रेलवे की दो बार की ओलंपियन एथलीट सुधा सिंह को भी नई नीति के अंतर्गत अधिकारी ग्रेड में पदोन्नति दी गई है।
सुधा ने इस साल जकार्ता एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था। उन्होंने ग्वांग्झू में 2010 चरण में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उत्तर प्रदेश के रायबरेली की यह 32 साल की खिलाड़ी राज्य सरकार के खेल विभाग में पद की मांग कर रही है। बीते समय में अपनी कड़ी पदोन्नति नीति के कारण भारतीय रेलवे ने अपने स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह को गंवा दिया था।