राजकोट। यह पहला मौका नहीं है, जब टीम इंडिया की तरफ से किसी भी खिलाड़ी ने शतक नहीं ठोंका और स्कोर 340 रनों का खड़ा हो गया, वह भी ऑस्ट्रेलिया जैसी खतरनाक टीम के विध्वंसक आक्रमण के सामने। शिखर धवन दुर्भाग्यशाली रहे कि महज 4 रन से अपना शतक चूक गए लेकिन इसके बाद भी भारत ने टॉस हारने के बाद सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। वनडे में भारत का यह चौथा बड़ा स्कोर है। भारत ने 16 साल में जिन मैचों में शतक के बिना 300+ का स्कोर किया है, उनमें सभी 5 मैचों में वह विजयी रहा है।
पिछले मैचों की बात करें तो भारत ने 2005 में नागपुर में श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 6 विकेट के नुकसान पर 350 रनों का पहाड़ खड़ा किया था। इस मैच में किसी भी भारतीय ने शतक नहीं जमाया था। सचिन तेंदुलकर ने 93, कप्तान राहुल द्रविड़ ने नाबाद 85 और इरफान पठान ने 83 रन बनाए थे। भारत ने यह मैच 152 रनों से जीता था।
इसके पूर्व 2004 में 2 ऐसे मौके आए, जब भारत ने वनडे में 2 देशों के खिलाफ 349 और 348 रन ठोंके। इसमें भी कोई शतकवीर नहीं था। 2004 में पहले कराची में खेले गए एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 7 विकेट खोकर 349 का स्कोर बनाया था जबकि इसी साल ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ 5 विकेट खोकर 348 रन बनाए थे। दोनों प्रसंगों पर भारत जीता। उसने पाकिस्तान को 5 रन से और बांग्लादेश को 91 रनों से हराया था।
पिछले 16 सालों में भारत ने वनडे का चौथा बड़ा स्कोर बिना शतक के 17 जनवरी 2020 को राजकोट में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 340 रनों का खड़ा किया। इस स्कोर में शिखर धवन के 96, केएल राहुल के 80, विराट कोहली के 78 और रोहित शर्मा के 42 रन शामिल थे। जवाब में मेहमान टीम 304 रनों पर ढेर हो गई और भारत ने यह मैच 36 रनों से जीता।
भारत का पांचवां बड़ा स्कोर नागपुर में वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 विकेट खोकर 338 रन का रहा है। इस मैच में भी टीम इंडिया की तरफ से कोई बल्लेबाज सैकड़ा नहीं जमा पाया था। इस मैच में भारत 14 रनों से विजयी रहा था। भारत के लिए सौरव गांगुली ने 98, गौतम गंभीर ने 69, महेंद्र सिंह धोनी ने 62 और कप्तान राहुल द्रविड़ ने 54 रनों की नाबाद पारी खेली थी।