मेलबोर्न। भारतीय महिला क्रिकेट टीम रविवार को भले आईसीसी टी20 विश्व कप का फाइनल मुकाबला 85 रन से हारा हो लेकिन 16 साल 40 की उम्र वाली छोटी सी बच्ची शैफाली वर्मा ने एक अनोखा रिकॉर्ड बना डाला। शैफाली आईसीसी के दोनों फॉर्मेट टी20 और वनडे विश्व कप का फाइनल खेलने वाली दुनिया की सबसे युवा खिलाड़ी बन गई हैं। पुरुष क्रिकेट में भी इतनी कम उम्र कोई खिलाड़ी फाइनल नहीं खेला है। महिला में शैफाली से पहले वेस्टइंडीज की शकाना क्विनटाइन ने 2013 में 17 साल 45 दिन की उम्र में वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल खेल था।
फाइनल मैच से पहले शैफाली ने वर्षा से बाधित सेमीफाइनल को छोड़ दें तो 4 मैचों में 161 रन बनाए थे और चारों ही मैचों में वह नाबाद रही थी। फाइनल में वे 2 रन पर आउट हो गई। यदि फाइनल में भी वे नाबाद रहती तो यह एक और नया रिकॉर्ड बन जाता।
शैफाली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 15 गेंदों पर 29, बांग्लादेश के खिलाफ 17 गेंदों में 39 रन, न्यूजीलैंड के खिलाफ 34 गेंदों में 49 और श्रीलंका के खिलाफ 34 गेंदों में 47 रन ठोंके थे। इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि ऑस्ट्रेलिया के विरुद वे फाइनल मैच की तीसरी ही गेंद पर हीली का शिकार हो गई और विकेटकीपर शुट ने कैच लपकने में कोई चूक नहीं की।
शैफाली का विकेट मिलते ही पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ऐसे झूम उठी मानों उसने वर्ल्ड कप जीत लिया हो। खिलाड़ियों का जश्न मनाना इसलिए भी लाजमी था क्योंकि हीली ने आईसीसी टी20 की रैंकिंग नंबर वन खिलाड़ी का शिकार किया था। यदि रविवार को शैफाली का बल्ला फिर से चल निकलता तो इस मैच की तस्वीर ही बदल जाती।