रांची का मैदान भारतीय टीम के लिए काफी भाग्यशाली रहा है, आज से पहले भारत यहां 3 टी-20 मैच जीत चुका था लेकिन शुक्रवार को न्यूजीलैंड ने भारत को यहां पहली बार इस प्रारुप में हार थमाई। पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने 6 विकेट खोकर 176 रन बनाए वहीं भारत की टीम ने 9 विकेट खोकर सिर्फ 155 रन बनाए। यह इस दौरे पर न्यूजीलैंड की पहली जीत भी है।
सलामी बल्लेबाज कॉनवे ने 35 गेंदों पर सात चौकों और एक छक्के के साथ 52 रन बनाकर न्यूजीलैंड की पारी को ठोस शुरुआत दी। मध्य ओवरों में न्यूजीलैंड की पारी लड़खड़ाने के बाद मिचेल ने 30 गेंदों पर तीन चौकों और पांच छक्कों के साथ 59 रन बनाकर भारत के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रख दिया।
इस लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने तीन विकेट जल्दी गंवा दिये। उपकप्तान सूर्यकुमार यादव (47) और कप्तान हार्दिक पांड्या (21) ने 68 रन की साझेदारी करके मेजबान टीम की ओर से संघर्ष किया लेकिन 12वें और 13वें ओवर में दोनों के आउट होने से भारत की उम्मीदें समाप्त हो गयीं। वाशिंगटन सुंदर (50) ने अंत में कुछ अच्छे शॉट खेलते हुए अर्द्धशतक जमाया लेकिन किसी का साथ न मिलने के कारण वह सिर्फ हार के अंतर को ही कम कर सके।
न्यूजीलैंड के कप्तान मिचेल सैंटनर ने मैच जिताऊ प्रदर्शन करते हुए चार ओवर में सिर्फ 11 रन देकर दो विकेट लिये। जेकब डफी, माइकल ब्रेसवेल, लोकी फर्ग्यूसन और ईश सोढ़ी को भी एक-एक सफलता हासिल हुई।
तीन मैच की सीरीज में 0-1 से पिछड़ने के बाद भारत अब रविवार को लखनऊ में मेहमान टीम का सामना करेगा।
जेएससीए इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम पर भारत के कप्तान हार्दिक पांडया ने टॉस जीतकर न्यूजीलैंड को पहले बल्लेबाजी करने के लिये आमंत्रित किया। फिन एलेन ने पारी की शुरूआत धुआंधार तरीके से की। पांड्या ने बल्लेबाज की नब्ज भांपते हुए जल्द ही गेंद फिरकी गेंदबाज वाशिंगटन सुंदर को पकड़ायी जिन्होंने अपने दूसरे ओवर में ही एलेन और मार्क चैपमैन को चलता कर कीवियों के रनों की रफ्तार को हल्का विराम दिया।
एलेन ने 23 गेंदों में चार चौके और दो छक्के लगाकर धुआंधार 35 रन ठोके, जबकि चैपमैन शून्य रन ही बना सके।
कॉनवे और ग्लेन फिलिप (17) ने 12वें ओवर तक टीम के स्कोर को 100 रन पर पहुंचा दिया। इस बीच फिलिप कुलदीप की गेंद को स्वीप करने के प्रयास में डीप मिड विकेट पर खड़े सूर्यकुमार को कैच थमा बैठे जिसके बाद गेंदबाजों ने कीवी बल्लेबाजों को खुल कर खेलने का मौका नहीं दिया।
कॉनवे ने पारी के 16वें ओवर की आखिरी गेंद को मिड विकेट की ओर धकेल कर अपने टी20 करियर का नौंवा अर्धशतक पूरा किया। कॉनवे की पारी का अंत 18वें ओवर में हुआ जब वह अर्शदीप सिंह की गेंद को उड़ाने के प्रयास में लांग ऑफ मे दीपक हुड्डा को कैच थमा बैठे।
इस बीच ब्रेसवेल और सैंटनर भी पवेलियन लौट गये, लेकिन मिचेल ने एक छोर से विकेट गिरने के बावजूद भारत पर प्रहार करना जारी रखा। उन्होंने 20वें ओवर में अर्शदीप सिंह के खिलाफ 27 रन बटोरते हुए न्यूजीलैंड को 176 रन तक पहुंचा दिया।
भारत को लक्ष्य का पीछा हुए दूसरे ओवर से ही स्पिनरों का सामना करना पड़ा, जिसने पांड्या की टीम के लिये मुश्किलें बढ़ाईं। ब्रेसवेल ने पारी की नौंवी गेंद पर ही ईशान किशन को शानदार स्पिन की भेंट चढ़ा दिया। रांची में अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे किशन सिर्फ चार रन ही बना सके। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे राहुल त्रिपाठी भी पांच गेंदें डॉट खेलने के बाद छठी गेंद पर विकेटकीपर को कैच देकर पवेलियन चले गये।सात रन बनाने वाले गिल ने चौका लगाकर विकेट पर टिकने के आसार दिखाये लेकिन वह भी सैंटनर की गेंद को ठीक से न पढ़ पाने के कारण एलेन को कैच थमा बैठे।
भारत ने स्पिनरों के लिये मददगार पिच पर सिर्फ 15 रन बनाकर तीन विकेट गंवा दिये। सैंटनर ने छठा ओवर मेडेन फेंककर भारत को चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाला लेकिन सूर्यकुमार और पांड्या ने इसके बाद साझेदारी बुनते हुए रनगति बढ़ाई। दोनों ने 10 ओवर में भारत का स्कोर 74 रन तक पहुंचा दिया जिसके बाद कप्तान सैंटनर ने स्पिनरों को दोबारा तलब किया। ईश सोढ़ी ने सैंटनर के फैसले को सही ठहराते हुए 12वें ओवर में सूर्यकुमार का विकेट लेकर यह साझेदारी तोड़ी। अगले ही ओवर में ब्रेसवेल ने पांड्या को आउट कर दिया।सूर्यकुमार ने अपनी जुझारू पारी में 34 गेंदों पर छह चौकों और दो छक्कों की बदौलत 47 रन बनाये जबकि पांड्या ने 20 गेंदों पर 21 रन का योगदान दिया।
दीपक हु्ड्डा (10), शिवम मावी (दो) और कुलदीप यादव (शून्य) भी एक-एक बाद एक पवेलियन लौटते गये, हालांकि सुंदर ने अंत तक विकेट पर रहकर भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने का काम किया।
सुंदर ने 28 गेंदों पर 50 रन की अर्द्धशतकीय पारी खेली, जिसमें पांच चौके और तीन छक्के शामिल थे। टी20 अंतरराष्ट्रीय में अपने पहले अर्द्धशतक की बदौलत सुंदर ने भारत को 20 ओवर में 155 रन के स्कोर तक पहुंचाया, हालांकि यह टीम को जीत दिलाने के लिये काफी नहीं था।