नई दिल्ली। वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि सप्लाई चेन संकट और यूक्रेन युद्ध से बैलेंस ऑफ ट्रेड (BOT) बिगड़ रहा है। इससे भारत में भी महंगाई का खतरा बढ़ रहा है। हालांकि बैंक ने भारत के लिए GDP अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया।
वर्ल्ड बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। बैंक ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपनी उम्मीद को पहले के 7% से घटाकर 6.6% कर दिया।
विश्व बैंक ने मंगलवार को जारी भारत से संबंधित अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका, यूरो क्षेत्र और चीन के घटनाक्रमों का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सप्लाई चेन का संकट और यूक्रेन युद्ध से उपजे हालात का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर देखने को नहीं मिला है, लेकिन इससे बैलेंस ऑफ ट्रेड बिगड़ रहा है और आयात बिल बढ़ने से मुद्रास्फीति के बढ़ने का भी खतरा मंडरा रहा है।
हालांकि, विश्व बैंक ने भरोसा जताया है कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। विश्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 7.1 प्रतिशत पर रहेगी।
क्या है बैलेंस ऑफ ट्रेड : बैलेंस ऑफ ट्रेड (बीओटी) किसी देश के निर्यात के मूल्य और किसी निश्चित अवधि के लिए देश के आयात के मूल्य के बीच का अंतर है। BOT देश के भुगतान संतुलन (BOP) का सबसे बड़ा घटक है। कभी-कभी किसी देश के माल के बीच व्यापार संतुलन और उसकी सेवाओं के बीच व्यापार संतुलन को 2 अलग-अलग आंकड़ों के रूप में अलग किया जाता है।
BOT को व्यापार संतुलन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संतुलन, वाणिज्यिक संतुलन या शुद्ध निर्यात के रूप में भी जाना जाता है। अर्थशास्त्री किसी देश की अर्थव्यवस्था की सापेक्ष शक्ति को मापने के लिए बीओटी का उपयोग करते हैं। इसकी गणना निर्यात में से आयात को घटाकर की जाती है।
Edited by : Nrapendra Gupta