मकर और कुंभ का स्वामी शनि तुला में उच्च, मेष में नीच का होता है। लाल किताब में आठवें भाव में शनि बली और ग्यारहवां भाव पक्का घर है। सूर्य, चंद्र और मंगल की राशियों में शनि बुरा फल देता है। लेकिन यहां नौवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : यदि यहां शनि है तो व्यक्ति ऊंचे दर्जे का शिक्षित होगा। प्रकांड पंडित माना जाएगा। भरापूरा परिवार होगा। आक का दरख्त। जातक एक सफल टूर ऑपरेटर या सिविल इंजीनियर हो सकता है। वह एक लंबे और सुखी जीवन का आनंद लेगा। उसके माता-पिता भी सुखी होंगे। यहां स्थित शनि जातक की तीन पीढ़ियों को शनि के दुष्प्रभाव से बचाता है लेकिन शर्त यह है कि वे शनि के मंदे कार्य ना करें। अगर जातक दूसरों की मदद करता है तो शनि ग्रह हमेशा अच्छे परिणाम देगा। जातक के एक बेटा होगा, हालांकि वह देर से पैदा होगा। तीन घर होने की संभावना। बृहस्पति से संबंधित (सोना, केसर) और चंद्रमा से संबंधित (चांदी, कपड़ा) का काम अच्छे परिणाम देंगे।
5 सावधानियां :
1. खुद के 2 से ज्यादा मकान न रखें।
2. शराब ना पिएं और ब्याज का धंधा भी ना करें।
3. पराई स्त्री पर बुरी नजर ना रखें।
4. धर्म, देवी, देवता, पितृ आदि का अपमान न करें।
5. अंधेरी कोठरी में रोशनदान या रोशनी के रास्ते न बनाएं।
क्या करें :
1. पीपल के पेड़ में जल चढ़ाते रहें।
2. छाया दान करते रहें।
3. केरस का तिलक लगाएं।
4. काले कौवे को रोटी खिलाते रहें।
5. प्रदोष का व्रत रखें।
6. बहते पानी में चावल या बादाम बहाएं।