पौराणिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया यानी अखातीज को सर्वसिद्ध मुहूर्त माना गया है।
मां लक्ष्मीजी की उपासना अक्षय तृतीया को शाम के समय उत्तरमुखी होकर लाल आसान पर बैठकर की जाती है। पूजन शुरू करने से पहले एक लाल कपड़े पर लक्ष्मीजी का चित्र स्थापित करके उसके सम्मुख 10 लक्ष्मीकारक कौड़ियां रखें एवं शुद्ध घी का दीपक जला लें।
अब लक्ष्मीजी का षोडशोपचार पूजन करके हर कौड़ी पर सिन्दूर चढाएं तथा लाल चंदन की माला से निम्न में से एक मंत्र की 5 माला का जाप करें।
इस प्रकार के पूजन से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है तथा जीवन की आर्थिक समस्या समाप्त हो जाती है।
लक्ष्मी को प्रसन्न करने के विशेष मंत्र :
- ॐ आद्य लक्ष्म्यै नम:
- ॐ विद्या लक्ष्म्यै नम:
- ॐ सौभाग्य लक्ष्म्यै नम:
- ॐ अमृत लक्ष्म्यै नम:
- ॐ पहिनी पक्षनेत्री पक्षमना लक्ष्मी दाहिनी वाच्छा भूत-प्रेत सर्वशत्रु हारिणी दर्जन मोहिनी रिद्धि सिद्धि कुरु-कुरु-स्वाहा।
इन मंत्रों से व्यापार में उन्नति एवं आर्थिक सफलता प्राप्त होती। मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।