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शनि यदि है सातवें भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 6 कार्य और जानिए भविष्य

हमें फॉलो करें शनि यदि है सातवें भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 6 कार्य और जानिए भविष्य

अनिरुद्ध जोशी

, शनिवार, 18 अप्रैल 2020 (09:46 IST)
मकर और कुंभ का स्वामी शनि तुला में उच्च, मेष में नीच का होता है। लाल किताब में आठवें भाव में शनि बली और ग्यारहवां भाव पक्का घर है। सूर्य, चंद्र और मंगल की राशियों में शनि बुरा फल देता है। लेकिन यहां सातवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
 
 
कैसा होगा जातक : यहां स्थित शनि को कलमकार कहा गया है। जीवन साथी मिलने में देरी हो सकती है। ग्यारहवें भाव में अगर शनिदेव विराजमान हैं तो जातक का भाग्योदय चालीसवें साल में होता है।

 
5 सावधानियां :
1. पराई स्त्री के मोह में न रहे।
2. जुआ, सट्टा, शराब आदि से परहेज करें।
3. बाप-दादाओं के मकान में ही रहें।
4. ब्याज का धंधा न करें।
5. पत्नी से संबंध अच्छा बनाएं रखें।
 
क्या करें : 
1. छायादान करें। 
2. शुक्र का दान करें।
3. अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
4. 43 दिन तक जमीन पर कुछ बूंद तेल या शराब गिराएं।
5. भैरव जी के मंदिर जाकर उनसे अपने पापों की क्षमा मांगे।
6. रात को सिरहाने पानी रखें और उसे सुबह कीकर, आंक या खजूर के वृक्ष पर चढ़ा आएं।

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