बच्चों की मजेदार कविता : पढ़ो पहाड़ा दो का
दो के दूनी चार।
काम शुरू करने से पहले,
करना सोच विचार।
दो के तीया होते हैं छह,
दो के चौके आठ।
गांधीजी का सत्य अहिंसा,
वाला पढ़ना पाठ।
दो के पंचे होते हैं दस,
दो के छक्के बारह,
हमको अच्छे लगते अपने,
प्यारे पूज्य पितामह।
दो के सत्ते होते चौदह,
दो के अट्ठे सोलह।
झूठ बोलना ठीक नहीं है,
बात हमेशा सच कह।
दो के नम्मे हुए अठारह,
दो के धामे बीस।
बनी जलेबी मीठ-मीठी,
पोहा बना लज़ीज।
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