बाल गीत : रोटी कहां छुपाई

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Roti poem

रोटी कहां छुपाई
लगे देखने टेलीविजन,
चूहे घर के सारे।
देख रोटियां परदे पर,
उछले खुशियों के मारे।
 
सोच रहे थे एक झपट्टे,
में रोटी लें बीन।
लेकिन बिजली बंद हुई तो,
रोटी हुई विलीन।
 
लिए कई फेरे टीवी के,
बड़ा गजब है भाई।
बिजली बंद हुई, टीवी ने
रोटी कहां छुपाई?

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज क्या है? कब शुरू हुआ और किसे मिलता है? जानिए कौन रहे अब तक के प्रमुख विजेता

स्किन से लेकर डाइबिटीज और बॉडी डिटॉक्स तक, एक कटोरी लीची में छुपे ये 10 न्यूट्रिएंट्स हैं फायदेमंद

ये हैं 'त' अक्षर से आपके बेटे के लिए आकर्षक नाम, अर्थ भी हैं खास

अष्टांग योग: आंतरिक शांति और समग्र स्वास्थ्य की कुंजी, जानिए महत्व

पर्यावरणीय नैतिकता और आपदा पर आधारित लघु कथा : अंतिम बीज

सभी देखें

नवीनतम

भारतीय सेना पर निबंध: शौर्य, पराक्रम और राष्ट्र सेवा की बेजोड़ मिसाल, जानिए भारतीय सेना की वीरता की महागाथा

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

क्या चीन के इस बांध ने बदल दी धरती की रफ्तार? क्या है नासा के वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला दावा

सिर्फ एक सिप भी बढ़ा सकता है अल्जाइमर का खतरा, जानिए ये 3 ड्रिंक्स कैसे बनते हैं ब्रेन के लिए स्लो पॉइजन

अगला लेख