क्या आप विश्वास करेंगे कि कोई व्यक्ति 550 बच्चों का बाप हो सकता है? नीदरलैंड के एक व्यक्ति का यही दावा है। उसके बच्चे उसके साथ नहीं रहते। न ही उन बच्चों की कोई मां उसके साथ रहती है। उसने अपने किसी बच्चे या बच्चों की किसी मां को शायद कभी देखा भी नहीं है। तब भी उसका दावा है कि वह कम से कम 550 बच्चों का बाप है।
नीदरलैंड पौने दो करोड़ की जनसंख्या वाला एक ऐसा बहुत ही साफ-सुथरा उन्नत देश है, जो अपनी कई अनोखी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। उसकी एक सबसे बड़ी विशेषता तो यही है कि वह समुद्र तल से नीचे बसा हुआ है। इसीलिए वहां के लोगों ने उसे नीदरलैंड यानी निचली ज़मीन वाला देश नाम दिया है। उसे हॉलैंड के नाम से भी जाना जाता है, हालांकि हॉलैंड उसका मात्र एक इलाका है।
अनोखे व्यक्ति का अनोखा काम
41 वर्षीय योनाथान एम. नीदरलैंड की राजधानी हेग का एक अनोखा निवासी है। देश-विदेश के ऐसे तथाकथित सीमेन बैंकों (वीर्य बैंकों) के लिए काम करता है, जो संतान प्राप्ति के लिए तरस रही महिलाओं और दंपतियों की मांग के अनुरूप वीर्य एकत्रित करते और बेचते हैं। योनाथान एम. का कहना है कि वह एक वीर्यदाता है। वीर्य बैंकों को तो अपना वीर्य देता ही है, उनके लिए विज्ञापन भी करता है। कई बार सीधे-सीधे भी किसी महिला या दंपति को अपना वीर्य बेचता है।
हेग के मुख्य रेलवे स्टेशन पर एक बार एक महिला ने उसे उसके वीर्य के लिए 165 यूरो दिए। इन दिनों 1 यूरो 90 रुपए के बराबर है। योनाथान एम. का यह धंधा अब तक बहुत अच्छा चल रहा था, लेकिन अब अचानक उस पर एक मुसीबत आ पड़ी है। जिन अनेक महिलाओं ने कभी उसका वीर्य चाहा था और उससे गर्भवती हुई थीं, उनमें से एक ने उस पर मुकदमा ठोक दिया है।
उसे इस बात पर आपत्ति है कि वह अब भी वीर्यदान किए जा रहा है। नए-नए बच्चों का बाप बनता जा रहा है। वह महिला मुकदमा चलाकर योनाथान एम. के वीर्यदानों पर रोक लगवाना चाहती है, ताकि उसके अपने बच्चे से मिलते-जुलते और अधिक बच्चे न पैदा हों।
अपने ढंग का पहला मुकदमा
नीदरलैंड में यह अपने ढंग का पहला मुकदमा है। मुकदमे के सुनवाई की पहली तारीख 27 मार्च रखी गई थी, लेकिन उस दिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी, क्योंकि योनाथान एम. विदेश में कहीं छुट्टियां मना रहा था। अगली सुनवाई इन्हीं दिनों होनी है। इस बीच वीर्यदानी योनाथान एम. पर मुकदमा दायर करने वाली पहली महिला से प्रेरित होकर 15 और महिलाएं भी उसके साथ जुड़ गई हैं।
योनाथान एम. उनके बच्चों का भी असली पिता है। नीदरलैंड के वीर्यदान से पैदा हुए बच्चों संबंधी ट्रस्ट भी इन महिलाओं का समर्थन कर रहा है। यह ट्रस्ट भी यही चाहता है कि योनाथान एम. अपना वीर्य देकर अब और अधिक बच्चों का असली बाप न बने। डच भाषा में स्तिश्तिंग डोनोरकिन्ड नाम के इस ट्रस्ट की मांग है कि योनाथान एम. दुनियाभर के उन अस्पतालों इत्यादि की बाक़ायदा एक सूची अदालत को प्रदान करे, जिन्हें उसने अपना वीर्य दिया है।
एक वक्तव्य में ट्रस्ट ने कहा, हम चाहते हैं कि इन अस्पतालों में उसका वीर्य नष्ट कर दिया जाए। बच्चों के हितों की अनदेखी ट्रस्ट को यह भी शिकायत है कि योनाथान एम. अपने वीर्य से पैदा हुए बच्चों के हितों की पूरी तरह अनदेखी करता है। उसका यह व्यवहार बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक है।
एक दूसरा ख़तरा यह भी है कि उसके वीर्य से पैदा हुए बच्चे क्योंकि नहीं जानते कि उनका असली पिता कौन है, बड़ा होने पर उनमें से कुछ आपस में अनजाने में प्रेम या वैवाहिक संबंध में भी बंध सकते हैं। ऐसा होना कौटुंबिक व्यभिचार (इनसेस्ट) कहलाएगा। इससे गंभीर शारीरिक और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं।
किंतु ये सारी चिंताएं केवल योनाथान एम. ही क्यों करे? वे महिलाएं और यदि वे विवाहित हैं, तो उनके पति भी क्यों न करें, जो जैसे हो तैसे कोई बच्चा चाहते हैं, पर उस बच्चे का भावी जीवन कैसा होगा, इसकी चिंता नहीं करना चाहते। योनाथान एम. किसी को जबरदस्ती तो अपना वीर्य नहीं देता। लोग पैसा देकर उसे खरीदते हैं। इसलिए सारा दोष उसी के मत्थे तो नहीं मढ़ा जा सकता।
अकेले नीदरलैंड में ही 102 बच्चों का पिता
ट्रस्ट का आरोप है कि योनाथान एम. अकेले नीदरलैंड में ही 102 ऐसे बच्चों का पिता बन गया है, जिसे प्रमाणित किया जा सकता है। उसका वीर्य नीदरलैंड में ही नहीं, डेनमार्क और अमेरिका तक के वीर्य बैंकों में उपलब्ध है। नीदरलैंड में किसी एक वीर्यदानी के वीर्य से कानूनन अधिक से अधिक 25 बच्चे पैदा हो सकते हैं, हालांकि इसे दर्ज करने के लिए न तो कोई केंद्रीय रजिस्टर है और न ही कोई जांच या निगरानी होती है।
व्यवहारतः हर कोई अलग-अलग वीर्य बैंकों को जितना चाहे उतना वीर्यदान कर सकता है। इंटरनेट पर भी यह लेनदेन खूब चल रही बताई जाती है। योनाथान एम. किंतु इन सारी बातों की परवाह किए बिना अपना वीर्यदान चालू रखना चाहता है।
मुकदमे से पहले नीदरलैंड के प्रमुख दैनिक फ़ोल्क्सक्रान्ट को दिए गए एक इंटरव्यू में उसने कहा, मैंने खुद एक बार अपने लिए एक सीमा तय की थी कि मैं कितने बच्चों का जन्मदाता बनूंगा, लेकिन यह सीमा तो कब की पीछे छूट चुकी है। मैं अपना काम चालू रखूंगा। मुझे हर बार बड़ी खुशी होती है, महिलाओं की मां बनने की उत्कट कामना को पूरी करते हुए उन्हें खुशी बांटने में।