Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Trending: तुर्की की बॉयकाट मुहिम, लेकिन फ्रांस का रुख़ और सख्‍त, कार्रवाई जारी

हमें फॉलो करें Trending: तुर्की की बॉयकाट मुहिम, लेकिन फ्रांस का रुख़ और सख्‍त, कार्रवाई जारी
, मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020 (13:10 IST)
सोशल मीडिया पर फ्रांस के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। ट्विटर पर #BoycottFrenchProducts, #boycottfrance #boycott_French_products #ProphetMuhammad जैसे हैशटैग पहले ही ट्रेंड कर चुके हैं, इसके बाद अब हैशटैग ‘माफी मांगों फ्रांस’ नाम का एक ट्रेंड भी चल रहा है।

इसके अलावा, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर भी मुहिम चल रही है। अधिकाश मुस्लिम देशों में फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है।

दरअसल फ्रांस के राष्‍ट्रपति द्वारा इस्‍लाम की तुलना आतंकवाद से करने वाले बयान के बाद यह सब हो रहा है।हालांकि तुर्की के बॉयकॉट के अभि‍यान के बाद भी फ्रांस ने टीचर सैमुअल पैटी की गला काटकर हत्‍या किए जाने के बाद इस्‍लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखी है। फ्रांस ने राजधानी पेरिस के उत्‍तर-पूर्वी इलाके में स्थित कट्टरपंथियों को निशाना बनाया है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने 'इस्‍लामिक आंदोलन में शामिल होने' के आरोप में इस मस्जिद को बंद कर दिया है।

अधिकारियों ने मस्जिद से जुड़े लोगों पर टीचर सैमुअल पैटी को निशाना बनाकर वीडियो सोशल मीडिया में शेयर करने का भी आरोप लगाया है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने सैमुअल की हत्‍या के बाद बहुत तेजी से और जोरदार एक्‍शन लिया है। इसके तहत बड़ी संख्‍या में लोगों से पूछताछ की जा रही है और भविष्‍य की कार्रवाई के लिए प्‍लान बनाया जा रहा है। फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जाएगी।

फ्रांसीसी सरकार ने कहा है कि अब तक 120 स्‍थानों और संगठनों की तलाशी ली गई है, जिन पर कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाने का आरोप है। इसके अलावा आतंकवादियों को मिलने वाले पैसे पर रोक के लिए व्‍यापक योजना बनाई गई है। साथ शि‍क्षकों को मदद दी जाएगी और सोशल मीडिया कंपनियों पर दबाव डाला जाएगा ताकि वे भड़काऊ सामग्री पर रोक लगाएं।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस में अ‍ब तक इस तरह की कठोर कार्रवाई मैक्रों के कार्यकाल के दौरान हुए किसी भी आतंकी हमले के बाद नहीं हुई थी। राजनीतिक विश्‍लेषक जेरोम का कहना है कि टीचर पर हमला अपनी आप में अलग था। इसमें एक शिक्षक को निशाना बनाया गया और वह भी बहुत ही क्रूर तरीके से। इसके बाद सरकार के रवैये में यह बदलाव आया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्लामिक आतंकवाद की निंदा करना अब भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। अरब सहित अधिकतर मुस्लिम देशों में फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार की मांग तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि कुवैत, जॉर्डन और कतर में कई दुकानों से फ्रांस के बने हुए सामानों को हटा दिया गया है। वहीं एशिया में भी पाकिस्तान और बांग्लादेश में फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

क्‍या कहा था इमैनुएल मैक्रों ने
दरअसल, 16 अक्टूबर को पेरिस के उपनगरीय इलाके में एक शिक्षक की मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाने के कारण गला काटकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इसे इस्लामिक आतंकवाद बताया था। उन्होंने कहा था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है, जिससे आज पूरी दुनिया में संकट में है। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें डर है कि फ्रांस की करीब 60 लाख मुसलमानों की आबादी समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ सकती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Bihar Assembly Elections : सोनिया ने की अपने वीडियो संदेश में जनता से बदलाव की अपील