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Fact Check: पैगंबर का कार्टून दिखाने पर मारे गए टीचर ने किया था शरणार्थियों का समर्थन? जानिए पूरा सच

हमें फॉलो करें Fact Check: पैगंबर का कार्टून दिखाने पर मारे गए टीचर ने किया था शरणार्थियों का समर्थन? जानिए पूरा सच
, शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020 (12:49 IST)
हाल ही में फ्रांस की राजधानी पेरिस में क्लासरूम में पैगंबर मुहम्मद का कार्टून दिखाने के बाद सैमुअल पैटी नामक एक टीचर की सिर काटकर हत्या कर दी गई थी। अब भारत में सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें हाथ में बैनर लिए तीन लोग शरणार्थियों का स्वागत करते दिख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि फोटो में दो महिलाओं के बीच खड़ा शख्स वही टीचर है, जिसे पेरिस में बेरहमी से मार दिया गया।

क्या है वायरल-

भाजपा प्रवक्ता मेजर सुरेंद्र पुनिया ने फोटो को शेयर करते हुए शरणार्थियों का समर्थन करने वालों का ऐसा ही अंजाम होने की नसीहत दी है।  उन्होंने ट्वीट में लिखा है- “फ़ोटो में जो बीच में खड़ा है वो वही टीचर है जिसका एक जिहादी ने पेरिस में सर काट दिया था...कुछ साल पहले वो फ़्रांस में आने वाले Refugees का स्वागत कर रहा था पर उसे क्या पता था कि वो refugee उसी का गला काट देंगे। ये उन लिबरांडुओं के लिये है जो भारत में रोहिंग्या को बसाना चाहते हैं।”



क्या है सच-

पुनिया ने दावा किया है कि कुछ साल पहले यह टीचर फ्रांस में आने वाले रेफ्यूजी का स्वागत कर रहा था, जबकि वायरल हो रही फोटो में तीनों लोग मास्क लगाए हुए हैं, जिससे स्पष्ट है कि फोटो कोरोना काल की है।

फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Good Chance नाम के ग्रुप के ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें वायरल फोटो पोस्ट किया गया था। ट्वीट में लिखा है- “आज गुड चांस टीम ने फोकस्टोन में शरणार्थियों का स्वागत किया।”



इस ट्वीट से स्पष्ट है कि वायरल फोटो फ्रांस नहीं बल्कि इंग्लैंड के फोकस्टोन है। साथ ही, ध्यान देने वाली बात यह है कि फोटो सैमुअल पैटी की हत्या के एक दिन बाद 17 अक्टूबर को अपलोड की गई थी।

पड़ताल जारी रखते हुए हमने इंटरनेट पर ‘Folkestone refugee welcome’ कीवर्ड्स से सर्च किया तो हमें ‘द गार्जियन’ वेबसाइट की एक खबर मिली। खबर के मुताबिक, 17 अक्टूबर को इंग्लैंड के फोकस्टोन में लगभग 200 लोगों ने शरणार्थियों के लिए स्वागत समारोह आयोजित किया था। फोटो इसी समारोह की है।

वेबदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि मेजर सुरेंद्र पुनिया का दावा फर्जी है कि सैमुअल पेटी ने कुछ साल पहले फ्रांस में आने वाले शरणार्थियों का समर्थन किया था।

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