नाक के नीचे से अपराधी भाग रहे, पुलिस नशेड़ियों से पिट रही, ये क्या हो रहा इंदौर पुलिस कमिश्नरी में?
क्या इंदौर के थानों में बढ़ रहा राजनीतिक हस्तक्षेप, हफ्तेभर से खुला घूमने वाला जीतू यादव कैसे हो गया फरार ?
मारपीट के आरोपी जीतू यादव जैसे अपराधी पुलिस की नाक के नीचे से भाग रहे हैं। पुलिस वर्दी पहनकर सिगरेट पीते हुए पुष्पा फिल्म के विलेन बनते हुए रील बना रही है। नशेड़ियों के हाथों से पुलिस के जवान पीटे जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पुलिस शहर की कानून व्यवस्था को संभालने की बजाए आम लोगों और वाहन चालकों से वसूली में लगी हुई नजर आती है। ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। ऐसा लग रहा है कि इंदौर का पुलिस कमिश्नर सिस्टम अब पूरी तरह से फैल होता नजर आ रहा है।
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इंदौर के थानों में क्यों बढ़ रहा राजनीतिक हस्तक्षेप
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7 दिनों तक खुला घूमने वाला जीतू यादव कैसे भाग गया
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पुलिस कांस्टेबल वर्दी में बना रहे रील, बन रहे पुष्पा के विलेन
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क्यों पुलिस कमिश्नरी में भी खौफ नहीं पुलिस का?
पिछले कुछ दिनों इंदौर में हो रही घटनाओं ने पुलिस की छवि को धुमिल करने का ही काम किया है। चाहे वो भाजपा नेता और पार्षद जीतू यादव के गुंडों का पार्षद कमलेश कालरा के घर जाकर मारपीट करने का मामला हो या दबाव में आकर कई दिनों तक जीतू यादव को खुला घूमने की आजादी देना हो। इन्हीं दिनों में शहर में हुई कुछ हत्याओं ने भी पुलिस के खौफ के ग्राफ को कुछ नीचे करने का काम किया है। इस सभी मामलों के संदर्भ में बात करने के लिए जब
वेबदुनिया ने इंदौर
पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह को कॉल किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
कमिश्नर के पीए पंकज ताम्रकर ने कमिश्नर के मीटिंग में व्यस्त होने की बात कही। उन्होंने आधे घंटे बाद कॉल करने के लिए कहा, लेकिन दूसरी बार और फिर तीसरी बार कॉल करने पर भी कमिश्नर से चर्चा नहीं हो सकी।
इंदौर के थानों में बढ़ा राजनीतिक हस्तक्षेप : पिछले कुछ दिनों के अपराधिक मामलों की बात करें तो साफ नजर आता है कि इंदौर के थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप बहुत हद तक बढ़ गया है। हालत यह है कि थाना प्रभारी अपने वरिष्ठ अफसरों की भी नहीं सुनते, क्योंकि उन्हें मंत्री से लेकर अन्य राजनीतिक संरक्षण हासिल रहता है। जीतू यादव के मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ था। बाद में सीएम के हस्तक्षेप के बाद केस दायर किया गया।
पुलिस की नाक के नीचे से भाग गया जीतू यादव : जीतू यादव और कमलेश कालरा के बीच हुए विवाद ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। जीतू यादव के गुंडों ने जब कमलेश कालरा के घर जाकर महिलाओं के सामने उनके बेटे के साथ मारपीट और उसे नंगा कर वीडियो बनाने का कृत्य किया तो इससे न सिर्फ पूरा शहर शर्मसार हो गया, बल्कि पुलिस के ढुलमुल रवैये ने पुलिस प्रशासन की छवि भी धुमिल कर दी। करीब एक हफ्ते तक यह विवाद और इससे संबंधित ड्रामा चलता रहा, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में जब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्ती दिखाते हुए इसे लेकर ट्वीट किया तो पुलिस ने कार्रवाई करना शुरू की। इस बीच कई दिनों तक आरोपी जीतू यादव खुला घूमता रहा। पुलिस ने उसके कुछ गुंडों को तो धरदबोचा लेकिन जीतू यादव अब पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
रील बनाकर पुष्पा बन रही इंदौर पुलिस : इस बीच इंदौर के कॉन्स्टेबल जितेंद्र सिंह तंवर का फिल्मी अंदाज सामने आया। उन्होंने फिल्म 'पुष्पा' के किरदार 'शेखावत सर' की नकल करते हुए सोशल मीडिया पर एक रील बनाई। इस रील में वह सिगरेट पीते और बिना हेलमेट बाइक पर बैठे नजर आ रहे हैं। यह वीडियो वायरल होने के बाद उनकी जमकर ट्रोलिंग हुई। हालांकि विभाग ने सख्त कार्रवाई की और उन्हें ट्रैफिक ड्यूटी पर भेज दिया। हेलमेट न पहनने पर चालान काटा गया और सिगरेट पीने पर नगर निगम ने स्पॉट फाइन लगाया। वे पीआरटीएस में पदस्थ हैं। इसलिए पीआरटीएस डीआईजी ने उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन सवाल यह है कि जब पुलिस ही रील्स बनाएगी तो रील्स बनाने वालों को कौन पकडेगा। इंदौर में बढ़ते अपराधों के बीच पुलिस की ये हरकतें कितनी शोभा देती हैं।
पुलिस का खौफ कहां, जवानों को ही पीट दिया : इंदौर के रीजनल पार्क का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है। यहां पर बर्थडे पार्टी के दौरान कुछ युवक शराब पी रहे थे। सूचना मिलने पर बीट के जवान मौके पर पहुंचे तो युवकों ने पुलिस को ही पीट दिया। उन्होंने पुलिस से धक्का-मुक्की की और फरार हो गए। ये घटना राजेन्द्र नगर के रीजनल पार्क की है। जहां कुछ लड़के बर्थडे पार्टी मनाने के बाद शराब पी रहे थे। सूचना मिलते ही बीट के दो जवान मौके पर पहुंचे। जैसे ही उन्होंने युवकों को इसके लिए रोका तो युवक पुलिसकर्मियों से बहस करने लगे और बाद में मारपीट करने लग गए। ये सब देख रीजनल पार्क के स्टाफ और अन्य लोगों ने पुलिसकर्मियों का बचाव किया।
पुलिस पर लग रहे दाग : इंदौर के विजयनगर थाने में 15 जून 2023 को ऑनलाइन सट्टा खेलने के आरोप में तीन युवकों को पकड़ा गया था, जिसमें एक नाबालिक बच्चा था। इस मामले में बच्चे को छुड़ाने के लिए परिजनों ने पुलिसकर्मियों की मांग पर रिश्वत दी थी। इस मामले की जांच में तत्कालीन थाना प्रभारी रविंद्र सिंह गुर्जर और अन्य दो पुलिसकर्मी दोषी पाए गए थे। थाना प्रभारी को हाल ही में पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने 3 वर्ष के लिए सब इंस्पेक्टर के रूप में डिमोट करने की सजा दी है।
नहीं थम रही लूट और हत्याएं : इंदौर में हाल ही में तीन थाना क्षेत्रों में लूट की घटनाएं सामने आई हैं। वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश अलग-अलग बताए जा रहे हैं। ये लूट की घटनाएं लसूडिया, भंवरकुआं और परदेशीपुरा इलाकों में हुई हैं। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुट गई है। पिछले दिनों चाकूबाजी में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। इसी तरह मारपीट और जानलेवा हमले शहर में आम हैं। इन घटनाओं से लगता है कि शहर में पुलिस का खौफ कम हो गया है।