Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

चेकोस्लोवाकिया की इस लड़की के साथ ‘लिव इन’ में रहते थे एमएफ हुसैन, लेकिन एक दिन यूं टूट गया उनका दिल

हमें फॉलो करें MF Husain
webdunia

नवीन रांगियाल

देश के मशहूर पेंटर मकबूल फिदा हुसैन अपनी लाइफ स्‍टाइल और बिंदास छवि‍ के लिए जाने जाते हैं। माधुरी दीक्षि‍त के लिए दीवानापन हो या फि‍ल्‍में बनाने की सनक। नंगे पैर चलने का फैसला हो या सड़क पर चलते हुए दुनिया की सबसे महंगी कार खरीदने का उनका मन। वे अपने इसी तरह के मिजाज के लिए जाने जाते हैं।

लेकिन अपनी रूमानी तबीयत के लिए भी वे खासे मशहूर थे। 17 सितंबर को उनका इंतकाल हो गया था। आइए जानते हैं उनके रूमानियत वाले मि‍जाज के बारे में एक बहुत चर्च‍ित किस्‍सा।

हुसैन साहब के बारे में कहा जाता है कि वे अपने से कम उम्र की एक विदेशी लड़की के साथ लिव इन रिलेशन में भी रहा करते थे। वो चेकोस्लोवाकिया में एक अपनी उम्र से आधी उम्र की विदेशी लड़की के आंखें लड़ा बैठे। अपने इस प्यार को लेकर वो इस कदर डूबे हुए थे कि लंबे समय तक वे उसके साथ रहे और फि‍र उससे शादी की पूरी तैयारियां भी कर डाली थी। लेकिन आखिरी मौके पर कुछ ऐसा हुआ कि लड़की ने शादी से इनकार कर दिया और हुसैन साहब का दिल टूट गया।

एमएफ हुसैन 95 सालों तक जि‍ए। खूबसूरत महिलाओं के आसपास रहना उनका शौक था। झक सफेद दाढी और रेशमी सफेद बालों वाले मकबूल फिदा हुसैन की विदेशी युवती से प्रेम कहानी तो ऐसी थी कि उनके परिवार में बवंडर आ गया था। क्योंकि उन्होंने अपने परिवार को भी कह दिया था कि वो इस लड़की से शादी करने जा रहे हैं।
50 के दशक में मकबूल लोकप्र‍िय हो चुके थे। संघर्ष के उनके दिन लगभग खत्म हो गए थे। इसके बाद वे इंटरनेशनल ख्‍याति बन गए थे। यूरोप में उनकी पेंटिंग्स को बहुत सराहा गया।

उनके बारे में एक किस्‍सा यह भी है कि एक बार साल 1956 में वो चेकोस्लोवाकिया में थे। प्राग में उनकी 34 पेंटिग्स की प्रदर्शनी लगी थी। एक शाम जब गैलरी करीब-करीब खाली थी। उसके बंद होने का समय हो रहा था। तभी वहां एक खूबसूरत युवती आई। वो बड़े ध्यान से उनकी पेंटिंग्स को देख और निहार रही थी। मकबूल उसे कुछ देर तक देखते रहे और फिर उसके पास पहुंच गए। उन्‍होंने महिला से पूछा कि क्या उसे ये कलाकृतियां पसंद आई। महिला ने मुस्कराते हुए हां में सिर हिलाया। और कहा कि ये वाकई गजब की हैं। हुसैन ने तुरंत अपनी सारी पेंटिंग्स उसे उपहार में दे दीं। वह युवती-हक्की बक्की रह गई। अगले दिन उसने फिर उसी समय आने का वादा किया।

वो युवती कोई और नहीं, मारिया जोराकोवा थी। अगले दिन शाम को मारिया फिर वहां आई। मकबूल सूट और टाई में थे। उन्‍होंने दाढ़ी साफ करा ली थी। मारिया आई, उन्हें बाहों में भरा और गालों में चुंबन कर दिया। फिर उन्हें देखकर हंसने लगी। उसने कहा, "तुम ऐसा करके किसी का भी दिल जीत सकते हो, लेकिन मैं तो तुम्हें दाढ़ी के साथ ही पसंद करती हूं।

इसके बाद मारिया और हुसैन 6 सालों तक चेकोस्लोवाकिया में मिलते रहे और करीब करीब साथ में रहे। हुसैन उस समय भारत आने वाले थे लेकिन उन्‍होंने भारत लौटने का इरादा टाल दिया था। मारिया उनकी अच्‍छी दोस्‍त बनकर उनके साथ रहीं। दोनों प्राग में किसी कपल की तरह हाथों में हाथ डाले घूमते रहे। दोनों 8 सालों तक साथ में रहे। साल 1956 से 1964 तक। लेकिन एक दिन मारिया ने हुसैन के साथ शादी का मना कर दिया और हुसैन का दिल टूट गया।

हुसैन शादी का जोड़ा खरीदने लंदन गए। वहां उन्होंने मारिया के लिए एक वॉक्सवैगन कार बुक कराई। लेकिन ठीक आखिरी मौके पर मारिया का मन बदल गया। उसका मानना था कि ये शादी नहीं चल पाएगी, क्योंकि दोनों के कल्चर में अंतर था। साथ ही वो भारत आने को भी तैयार नहीं थी। बाद में मारिया ने एक साइंटिस्ट जेन डॉटियर से शादी की, हुसैन भी मारिया की शादी में शामिल हुए।

विवादों से भी रहा नाता
मकबूल फ़िदा हुसैन का विवाह 1941 में फाज़िला के साथ संपन्न हुआ। इस विवाह से उनके तीन पुत्र (मुस्तफा, शमशाद और ओवैस) और दो पुत्रियां (राइसा और अकीला) हुईं।

अपने जीवन का अंतिम समय उन्होंने क़तर और लंदन में रहकर गुजारा। हुसैन की मृत्यु 9 जून 2011 को लंदन के रॉयल ब्रोम्पटन अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से हुई। 10 जून 2011 को उन्हें लंदन  के ब्रुकवुड सेमेट्री में दफनाया गया था।

अंतरराष्‍ट्रीय ख्‍याति प्राप्‍त चित्रकार मकबूल फि‍दा हुसैन का विवादों से भी नाता रहा है। हिंदु देवियों के नग्‍न चित्र बनाने पर उनकी कला को लेकर विवाद भी हुआ था। जिसके बाद वे भारत छोडकर कतर चले गए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

टूथपेस्ट के और भी हैं फायदे, जानकर हैरत होगी आपको