Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मैन या वीमेन, दोनों में से किन्हें ज्यादा एक्सरसाइज करने की होती है जरूरत? जानिए कारण

Advertiesment
हमें फॉलो करें who need to do more exercise men or women

WD Feature Desk

, सोमवार, 19 मई 2025 (13:42 IST)
who need to do more exercise men or women: आज के समय में हेल्थ और फिटनेस सिर्फ ट्रेंड नहीं, बल्कि जरूरत बन चुकी है। एक स्वस्थ शरीर ही हमें रोज़मर्रा की भागदौड़ में एक्टिव और प्रोडक्टिव बनाए रखता है। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि पुरुषों को ज्यादा एक्सरसाइज की जरूरत होती है या औरतों को? क्या महिलाओं को हार्मोनल चेंजेज और पीरियड साइकिल के कारण एक्सरसाइज पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए? या फिर पुरुषों की मसल्स मास और फैट बर्निंग की जरूरत ज्यादा होती है? इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि किन कारणों से पुरुषों और महिलाओं की एक्सरसाइज की जरूरतें अलग होती हैं, और किन परिस्थितियों में किसे ज्यादा वर्कआउट की जरूरत पड़ती है।
 
1. बॉडी की बनावट और मेटाबॉलिज्म में अंतर
पुरुषों और महिलाओं की शारीरिक बनावट और मेटाबॉलिक रेट में बड़ा अंतर होता है। पुरुषों की बॉडी में मसल मास ज्यादा होता है, जिससे उनका मेटाबॉलिज्म तेज होता है। वहीं, महिलाओं का शरीर अधिकतर फैट स्टोर करने की प्रवृत्ति रखता है, खासकर हिप्स और थाईज में। महिलाओं को फैट बर्न करने और हार्मोनल बैलेंस के लिए नियमित एक्सरसाइज की ज्यादा जरूरत होती है। पुरुषों को भी मसल्स टोन बनाए रखने और कार्डियो हेल्थ के लिए एक्सरसाइज जरूरी है, लेकिन महिलाओं के लिए यह जरूरत कुछ हद तक ज़्यादा मानी जाती है।
 
2. हार्मोनल चेंजेज 
महिलाओं का शरीर हर महीने पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज जैसी परिस्थितियों से गुजरता है। इन सभी स्थितियों में हार्मोनल बदलाव होते हैं जो सीधे शरीर के वजन, मूड, और एनर्जी लेवल को प्रभावित करते हैं। इन चेंजेज को मैनेज करने के लिए महिलाओं को एक्सरसाइज की अधिक जरूरत होती है। एक्सरसाइज से शरीर में एंडॉर्फिन नामक हैप्पी हार्मोन रिलीज होता है, जो मूड स्विंग्स और स्ट्रेस को कम करता है।
 
3. मेंटल हेल्थ की जरूरतें
एक्सरसाइज केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। रिसर्च बताती है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा इमोशनल दबाव, तनाव और चिंता से गुजरती हैं, चाहे वो जॉब हो या घर की जिम्मेदारियां। योग, मेडिटेशन और कार्डियो वर्कआउट्स महिलाओं में डिप्रेशन और एंग्जायटी को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए मेंटल वेलनेस के नजरिए से भी महिलाओं के लिए एक्सरसाइज की ज़रूरत ज़्यादा है।
 
4. हड्डियों और मांसपेशियों की ताकत
30 की उम्र के बाद महिलाओं की हड्डियों में कैल्शियम की कमी और बोन डेंसिटी में गिरावट देखी जाती है। मेनोपॉज के बाद यह खतरा और बढ़ जाता है। वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को रोकने में मदद करती हैं। पुरुषों को भी मसल लॉस से बचने के लिए एक्सरसाइज की जरूरत होती है, लेकिन महिलाओं में हड्डियों की कमजोरियों के चलते एक्सरसाइज की भूमिका और भी अहम हो जाती है।
 
5. डाइट कंट्रोल और फैट मैनेजमेंट
पुरुषों की तुलना में महिलाओं का बॉडी फैट परसेंटेज सामान्य रूप से ज्यादा होता है। वहीं, महिलाओं के शरीर में हार्मोनल वजहों से वजन तेजी से बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए महिलाओं को अपने फैट लेवल को नियंत्रित रखने और मेटाबॉलिज्म को एक्टिव बनाए रखने के लिए ज्यादा रेगुलर एक्सरसाइज की जरूरत होती है। यह उनके वजन को कंट्रोल में रखने और थकावट से बचने में मदद करता है।
 
6. हार्ट हेल्थ और लाइफस्टाइल बीमारियां
हार्ट प्रॉब्लम्स और टाइप-2 डायबिटीज जैसी बीमारियां पुरुषों और महिलाओं दोनों को होती हैं, लेकिन आधुनिक लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से महिलाओं में इनका खतरा तेजी से बढ़ रहा है। वर्किंग महिलाएं, खासकर ऑफिस और घर दोनों संभालने वाली महिलाएं, एक्सरसाइज से इन बीमारियों का रिस्क कम कर सकती हैं। एक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है। 


अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जयंती विशेष: क्या थी राजा राम मोहन राय की सती प्रथा के खिलाफ आंदोलन की कहानी, कैसे बने महान समाज सुधारक