Expert Advice : दिल का दौरा पड़ने पर कैसे बचाएं जान, जानें CPR ट्रेनिंग के बारे में

WD
कई बार अच्छे और फिट रहने के बाद भी हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं। ये बीमारी युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर भी आप दूसरी तरह से व्‍यक्ति की जान बचा सकते हैं। जिसे कहते हैं सीपीआर (CPR)ट्रेनिंग। वर्तमान में जिस तरह से युवाओं में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। उससे सबक लेते हुए दिल की बीमारी से जुड़ी इस ट्रेनिंग के बारे में सभी को पता होना चाहिए। आइए जानते हैं दिल का दौरा पड़ने पर कैसे जान बचाई जा सकती है। वेबदुनिया से चर्चा कर डॉ अनिकेत साने, फिजियोथेरेपिस्‍ट ने सीपीआर (CPR कार्डियो पल्‍मोनरी रिससिटैशन) ट्रेनिंग के बारे में बताया। 
 
CPR ट्रेनिंग कब और कैसे दी जाती है  
 
यह ट्रेनिंग अचानक से ह्दय गति रूक जाने पर पुनः प्रारंभ करने की प्रक्रिया होती है। जिससे ऑक्‍सीजन लेवल फेफड़ों में जाकर हमारी ह्दय गति को पुनः सामन्‍य करके प्रारंभ कर सकें। सीपीआर ट्रेनिंग कई गंभीर स्थितियों में दिया जा सकता है। हार्ट अटैक आने पर, हाइपोवॉल्मिक शॉक होने पर, बेहोश होने पर,बिजली का झटका लगने पर कमजोर दिल वाले व्‍यक्ति को बचाया जा सकता है। 
 
कैसे दी जाती है ट्रेनिंग -
 
- जब कोई व्‍यक्ति अचानक से गिर जाता है कहीं भी अच्‍छी स्थिति में तो सबसे पहले उनके सिर पर हाथ लगाकर देखें खून तो नहीं आ या किसी चीज से टकराया तो नहीं है सिर।

- किसी व्‍यक्ति के तुरंत गिरने पर इस फॉर्मूले को फॉलो करें - ABC यानी  A- Airway, B-Breathing and C- Circulation. इसमें एयरवे यानी नाक के सामने हाथ को रखकर सांस चेक करेंगे। सांस आने पर आपको हाथों में पर गर्माहट महसूस होगी। 
 
* ब्रीथिंग (Breathing)- छाती पर हाथ रखकर चेक करेंगे सांस आ रही है या नहीं। बता दें कि पुरूष होने पर छाती पर चेक करते हैं। महिलाओं के होने पर एब्डोमिनल पर हाथ रखकर चेक करते हैं। 
 
* सर्कुलेशन (Circulation) - लेटे हुए व्‍यक्ति के बाएं हाथ के नाड़ी को चेक करेंगे। उस दौरान हाथ की कलाई को एकदम ढीला कर दें। 
 
- ABC फॉमुले के बाद हाथ की नाड़ी पकड़ कर कुछ समझ नहीं आता है तो घुटने के नीचे एक पॉपलिटील आट्री होती है वहां पर हाथ लगाकर देखेंगे। इससे पता चलेगा कि व्‍यक्ति की कंडीशन क्‍या है। 
 
- बेहोश व्‍यक्ति को थोड़ा जगाने का प्रयास करें। इसके बाद किसी भी तहर का क्रिया नहीं होती है तब सीपीआार की ट्रेनिंग दी जाती है।
 
- इसके लिए सबसे पहले इंसान को सीधा करें। आसपास कुछ नुकिला पदार्थ नहीं रखा हो। हो सके तो उनके जूते भी निकाल दें। आसपास मौजूद भीड़ को हटाएं। क्‍योंकि ऐसे में व्‍यक्ति का ऑक्‍सीजन लेवल और भी कम हो सकता है।  
 
- व्‍यक्ति की गर्दन को उपर कर दें। और उसके मुंह को खोल दें और जीभ को सीधा कर दें। ऐसा इसलिए किया जाता है क्‍योंकि जब शॉक लगता है या बेहोश होते हैं तो इंसान की जीभ पलटकर गले में फंस जाती है।   
 
- नाभि से ऊपर की और एक गड्ढा महसूस करेंगे वहां पर अपने दोनों हाथों की हथेली से 50 से 100 बार दबाएं। ऐसा 3 या 4 बार करें।  ध्‍यान रहे छाती को नहीं दबाना है। 
 
- दूसरा तरीका आप गहरी ऑक्‍सीजन ले लीजिए। इसके बाद अपने मुंह से सामने वाले के मुंह में ऑक्‍सीजन दीजिए। आप चाहे तो रूमाल लगा सकते हैं और पूरा मुंह को खोलें। 
 
तो इस तरह से सीपीआर ट्रेनिंग दी जा सकती है।  


 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सर्दियों में रूखी त्वचा को कहें गुडबाय, घर पर इस तरह करें प्राकृतिक स्किनकेयर रूटीन को फॉलो

इस DIY विटामिन C सीरम से दूर होंगे पिगमेंटेशन और धब्बे, जानें बनाने का आसान तरीका

फटाफट वजन घटाने के ये 5 सीक्रेट्स जान लीजिए, तेजी से करते हैं असर

Indian Diet Plan : वजन घटाने के लिए इस साप्ताहिक डाइट प्लान को फॉलो करते ही हफ्ते भर में दिखेगा फर्क

Essay on Jawaharlal Nehru : पंडित जवाहरलाल नेहरू पर 600 शब्दों में हिन्दी निबंध

सभी देखें

नवीनतम

Saree Styling : आपकी पर्सनालिटी बदल देंगे साड़ी स्टाइल करने के ये 8 खास टिप्स

Health Alert : क्या ये मीठा फल डायबिटीज में कर सकता है चमत्कार? जानिए यहां

गुरु नानक देव जी पर निबंध l Essay On Gur Nanak

प्रेरक प्रसंग : नानक देव और कुष्‍ठ रोगी

कोरोना में कारोबार बर्बाद हुआ तो केला बना सहारा

अगला लेख
More