Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

सूर्यास्त के बाद फलों का सेवन करने से होता है शरीर को नुकसान

हमें फॉलो करें सूर्यास्त के बाद फलों का सेवन करने से होता है शरीर को नुकसान
फल एक नेचुरल मेडिसिन है, जो गंभीर रोग - बीमारियों से दूर रखता है। और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। यह विटामिन और खनिज का सबसे बड़ा स्त्रोत है। फलों का सेवन रोज करने से शरीर स्वस्थ्य और फीट रहता है। नियमित रूप से सही समय पर फल खाने से ही उसका लाभ अधिक मिलता है। अगर आप यह सोचते हैं कि आपको रात में ही फल को खाने का वक्त मिलता है तो वह हानिकारक है। जी हां, जिस तरह भोजन करने का सही समय होता है उसी तरह फल खाने का भी वक्त होता है। और अधिक मात्रा में लेने पर भी वह फायदे की जगह नुकसान करते हैं। तो जानते हैं सूर्यास्त के बाद फल खाने के क्या-क्या नुकसान होते हैं -

- दरअसल, सूर्यास्त के बाद फल खाने से आपकी नींद और पाचन क्रिया पर असर पड़ता है। फल कार्ब्स युक्त होते हैं। उनका सेवन करने से आपकी ऊर्जा तो बढ़ती ही है, लेकिन ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ जाता है, जो सीधे आपकी नींद में खलल डालता है। सूर्यास्त के बाद बॉडी का मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है, जो कार्ब्स को आसानी से पचा नहीं सकता है। इसलिए संध्या समय में फलों का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।

फलों का सेवन कब करना चाहिए
फलों का सेवन सही समय पर करने से वह ज्यादा प्रभावी होते हैं। फलों का असर बॉडी पर भी पूरी तरह से होता है। सुबह के वक्त खाली पेट फलों का सेवन किया जा सकता है। फूड एक्सपर्ट के अनुसार भोजन के साथ भी फलों का सेवन किया जा  सकता है। भोजन के तुरंत बाद भी सेवन किया जा सकता है। आमतौर पर भोजन के बाद संतरे का सेवन सबसे अधिक किया जाता है। संतरे के सेवन से पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है और हाजमा भी अच्छा होता है।

फलों को मिक्स नहीं करें
सुबह के वक्त जब फलों का सेवन किया जाता है, तो उन्हें किसी के साथ मिक्स भी किया जाता है। अक्सर लोग पोहे और उपमा में भी प्रयोग करते हैं। ऐसे में डेयरी उत्पाद या किसी अन्य चीजों के साथ मिक्स करके खाना शरीर में विषाक्त पदार्थ का निर्माण भी हो सकता है। इसलिए फल और सब्जियों को अलग अलग करके ही खाएं। जिससे किसी प्रकार के एलर्जी या खुजली जैसी बीमारी की चपेट में आने से बच सकें।  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत कल, आज और कल : सुदृढ़ शिक्षा, सशक्त युवा