बॉडी में किसी भी विटामिन या पोषक तत्व की कमी होने पर शरीर में प्रभाव दिखने लगते हैं। आपको कभी कमजोरी महसूस होगी, कभी जोड़ों में दर्द होगा। ऐसे ही शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर शरीर में एक नहीं कई सारी बीमारियां आपको घेर सकती है। जी हां, थकावट होना, डिप्रेशन का शिकार होना, नींद नहीं आना, बेचैनी होना, तनाव रहना, ओवरथिंकिंग की समस्या होना। आइए जानते हैं किन लोगों के शरीर में विटामिन डी की खतरा अधिक होता है -
1. ऑफिस जाने वाले लोग - जी हां, जिनका ऑफिस टाइम सुबह 9 से 5 बजे रहता है उनमें विटामिन डी की कमी अधिक होते हैं। जी हां, क्योंकि वे सुबह-सुबह की ताजी धूप नहीं ले पाते हैं। जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी होती है। सूरज के किरणों से प्राकृतिक विटामिन डी मिलता है। इसके बाद गाय के दूध में सबसे अधिक विटामिन डी होता है।
2. 55 साल से अधिक उम्र - 55 साल के शरीर में वैसे कई चीजों की कमी होने लगती है। लेकिन शरीर में विटामिन डी की कमी से आपके ऊपर बहुत अधिक असर पड़ता है। चिड़चिड़ापन होना, नींद नहीं आना, तनाव होना, अकेलापन महसूस होना, जोड़ों में दर्द होना। बुढ़ापे में इस तरह के लक्षण नहीं दिखे इसलिए वक्त 6 महीने या सालभर में जांच करा लें। जिससे आपको पता चल सकें। क्योंकि बॉडी में कमी होने पर लक्षण अवश्य दिखते हैं।
3.डार्क स्किन वाले लोग - अगर आपकी त्वचा का रंग डार्क है तो आपको विटामिन डी लेना जरूरी है। क्योंकि गहरे रंग के काले लोगों की एपिडर्मल, त्वचा की सबसे पहली परत में अधिक मेलेनिन होता है, जिससे शरीर के लिए सूरज की रोशनी का उत्पादन करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता हो जाताहै।
4. वेजिटेरियन - वेजिटेरियन है तो विटामिन डी की कमी होना स्वाभाविक है। वीगन वालों के लिए कई सारे फल और डेयरी प्रोडक्ट में भी विटामिन डी होता है। जिसका सेवन आपको लगातार करना होगा। क्योंकि फल या डेयरी प्रोडक्ट भी नियमित रूप से नहीं खाने पर विटामिन डी की कमी पूरी नहीं होगी। वहीं नॉन-वेजिटेरियन अंडा और अन्य चीजें खाते हैं जिसमें बहुत अधिक विटामिन डी होता है।
5.हाई वसा - विटामिन डी के लिए आपको अपनी बॉडी में जगह बनाना होगी। अगर आपकी बॉडी में 30 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स है तो उसे कम करने की जरूरत है। क्योंकि विटामिन डी आपकी बॉडी में पूर्ण रूप से अंदर तक नहीं पहुंच सकेंगा।