निजनी नोवगोरोद। फ्रांस और उरूग्वे के बीच शुक्रवार को होने वाले फीफा विश्व कप के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में सभी की नजरें फ्रांस की गोल मशीन काइलियान एम्बाप्पे पर लगी होगी जिसे रोकना उरूग्वे के सक्षम डिफेंस के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
हालांकि उरूग्वे अभी तक हर मैच में अपने मजबूत डिफेंस के दम पर जीतता आया है। दूसरी ओर 19 वर्षीय एम्बाप्पे हर डिफेंस को भेदने की कला में माहिर नजर आ रहे हैं। फिटनेस समस्याओं से जूझ रहे उरूग्वे के स्ट्राइकर एडिंसन कावानी पीएसजी में एम्बाप्पे के साथ खेलते हैं।
यह मुकाबला उरूग्वे के डिफेंस और एम्बाप्पे की रफ्तार का माना जा रहा है। कप्तान डिएगो गोडिन की अगुवाई में जोस जिमेनेज, मार्तिन कासेरेस और डिएगो लक्साट के रहते, उरूग्वे का डिफेंस अब तक इस विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ रहा है। इसका श्रेय गोलकीपर फर्नांडो मुसलेरा को भी जाता है।
ग्रुप चरण में उरूग्वे ने एक भी गोल नहीं गंवाया। उसके खिलाफ एकमात्र गोल पुर्तगाल के पेपे ने अंतिम-16 में किया लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। ब्राजील ने भी अभी तक एक ही गोल गंवाया है। वहीं फ्रांस की टीम चार गोल गंवा चुकी है। दोनों ने अब तक सात सात गोल किए हैं।
उरूग्वे के अनुभवी डिफेंडर मिलकर 350 अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव रखते हैं लिहाजा एम्बाप्पे के लिए राह उतनी आसान नहीं होगी जितनी अर्जेंटीना के खिलाफ थी। उरूग्वे के कोच ऑस्कर तबरेज ने कहा, ‘फ्रांस को खुलकर खेलने का मौका देना घातक साबित होगा।’
फ्रांस के आक्रमण की धुरी एम्बाप्पे और अंतोइने ग्रीजमैन होंगे। पेरिस सेंट जर्मेन के स्ट्राइकर एम्बाप्पे ने अर्जेंटीना के खिलाफ अंतिम-16 में मिली जीत में दो गोल किए थे।
फ्रांस के कोच डिडिएडर डेसचैम्प्स ने कहा कि उरूग्वे से उन्हें अलग तरह की चुनौती मिलेगी। (भाषा)