रेपिनो। फीफा विश्व कप के नॉकआउट दौर में पहुंचने के लिए इंग्लैंड के सामने फिलहाल स्थिति आसान नहीं है और ग्रुप 'जी' में रविवार को पनामा के खिलाफ उसे काफी सतर्कता के साथ प्रदर्शन करना होगा, जो अपना पिछला मैच हारने के बाद वापसी को बेकरार है।
इंग्लैंड यदि पनामा को हरा देती है और बेल्जियम यदि ट्यूनीशिया को हरा देती है या ड्रॉ खेलती है तो इंग्लैंड के पास अंतिम 16 में जगह बनाने का मौका होगा। गैरेथ साउथगेट की टीम ने ओपनिंग गेम में ट्यूनीशिया को 2-1 से हराया था हालांकि इंग्लिश टीम को पहले हॉफ में कोई सफलता नहीं मिली थी और स्टॉपेज टाइम में जाकर कप्तान हैरी केन के विजयी गोल से टीम 3 अंक बटोर सकी थी।
डिफेंडर जॉन स्टोन्स ने कहा कि इंग्लैंड ने पनामा के खिलाफ अपनी पूरी तैयारी की है और वे जानते हैं कि टीम को किस दिशा में सुधार की जरूरत है। हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। हम जानते हैं कि हमें किसके खिलाफ और कैसे खेलना है।
साउथगेट की टीम मैच में लंबे पास और फील्ड में मूवमेंट पर काफी ध्यान देती है और वह आगे भी इसी रणनीति को कायम रखेगी। हमने अपनी रणनीति के बारे में बात की है और हम इसमें आगे के मैचों में भी कोई बदलाव नहीं करेंगे। हमारी टीम में कई क्लब के खिलाड़ी खेलते हैं और सभी अपनी स्टाइल से खेलते हैं।
हालांकि कोच को मिडफील्डर डेले अली की चोट को लेकर कुछ चिंता है जिन्हें ट्यूनीशिया के खिलाफ जांघ में चोट लग गई थी। अली यदि बाहर रहते हैं तो उनकी जगह रुबेन लोफटस को शामिल किया जा सकता है जिन्होंने ओपनिंग मैच में वैकल्पिक खिलाड़ी के तौर पर प्रभावित किया था। इंग्लैंड कोच को साथ ही फैसला करना होगा कि वे रहीम स्टर्लिंग को अगले मैच में उतारेंगे या नहीं जिन्होंने काफी निराश किया है। उनकी जगह मैनचेस्टर यूनाइटेड के मार्कस रैशफोर्ड को शामिल किया जा सकता है।
दूसरी ओर पनामा की टीम सेंट्रल डिफेंडर रोमन टोरेस पर निर्भर है। सियाटल सोंडर्स डिफेंडर ने कहा कि फुटबॉल इसी तरह है। इंग्लैंड की टीम बेल्जियम से अलग काफी सीधा खेलती है और अपनी तेजी पर निर्भर करती है। पनामा की टीम को अपने ओपनिंग मैच में बेल्जियम ने 0-3 से हराया था। (वार्ता)