कैसे फैलता है Monkeypox? जानिए क्या हैं लक्षण और कैसे करें बचाव

मंकीपॉक्स बन गया है ग्लोबल इमरजेंसी, जानें कैसे होती है ये बीमारी

WD Feature Desk
शुक्रवार, 16 अगस्त 2024 (16:21 IST)
Monkeypox Virus
Monkeypox Virus : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में मंकीपॉक्स को एक वैश्विक आपातकाल घोषित किया है। यह दूसरी बार है जब इस वायरल संक्रमण को इस तरह से चिह्नित किया गया है। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) और अफ्रीका के कई अन्य देश इस बीमारी से बुरी तरह प्रभावित हैं। WHO के आंकड़ों के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में लगभग 99 हजार से ज्यादा मामले और 200 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं। ALSO READ: WHO ने मंकीपॉक्स को बताया पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी, जानिए दुनियाभर में फैल रही ये बीमारी कितनी है खतरनाक
 
मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स ऑर्थोपॉक्स वायरस के कारण होने वाला एक स्व-सीमित वायरल संक्रमण है। यह बुखार, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स और दर्दनाक दाने के रूप में प्रकट होता है जो फफोले बनाते हैं और फिर पपड़ी बन जाते हैं। हालांकि यह आमतौर पर स्व-सीमित होता है, लेकिन यह मृत्यु का कारण बन सकता है, खासकर बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में। ALSO READ: बारिश में क्‍यों फैलता है Chandipura virus, कैसे अपने बच्‍चों को बचाएं इस जानलेवा संक्रमण से, क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स?
 
नया स्ट्रेन और चिंता
हाल ही में, मंकीपॉक्स के एक नए स्ट्रेन का उभरना चिंता का विषय है। यह स्ट्रेन पूर्वी DRC में तेजी से फैल रहा है और कई पड़ोसी देशों में भी मामले सामने आ रहे हैं। यह स्थिति एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर जोर देती है।
लक्षण क्या हैं?
मंकीपॉक्स के लक्षणों में शामिल हैं...
अफ्रीका में तेजी से फैलाव
मंकीपॉक्स अफ्रीका में तेजी से फैल रहा है। यह वायरस अब युगांडा और केन्या में भी देखा जा रहा है, और यह आशंका है कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है और जल्द ही महामारी का रूप ले सकता है। अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने बताया है कि यह मंकीपॉक्स अफ्रीका के 34 देशों में डिटेक्ट हुआ है और ये सभी देश उच्च जोखिम पर हैं।
 
क्या करें?
मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए, कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं...
मंकीपॉक्स एक गंभीर बीमारी है जिसके लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। वैश्विक समुदाय को इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है। WHO और अन्य स्वास्थ्य संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ, व्यक्तिगत स्तर पर सावधानी बरतना भी महत्वपूर्ण है।
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