Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

'ऑनलाइन रेप' करने वाले को दुनिया में पहली बार सज़ा

हमें फॉलो करें 'ऑनलाइन रेप' करने वाले को दुनिया में पहली बार सज़ा
, शुक्रवार, 8 दिसंबर 2017 (11:09 IST)
41 साल के ब्योर्न सैमस्ट्रोम को 27 नाबालिगों के साथ यौन हिंसा के जुर्म में दस साल की सज़ा सुनाई गई है। इनमें से ज़्यादातर 15 साल से भी कम उम्र की लड़कियां हैं। ब्योर्न का जुर्म अलग इसलिए है क्योंकि वे न कभी इन बच्चों से मिले और न ही उन्होंने कभी इनके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
 
ब्योर्न को स्टॉकहोम में उपसाला की एक अदालत ने सज़ा सुनाई। यह पहली बार है कि किसी को इंटरनेट पर यौन हिंसा करने के जुर्म में सज़ा सुनाई गई है। ब्योर्न पर इल्ज़ाम है कि वह अमेरिका, कनाडा और यूके के 26 बच्चों को वेबकैम के सामने कई तरह की यौन क्रियाएं करने के लिए कहता था। अगर बच्चे ऐसा करने से मना करते तो ब्योर्न उनके परिवार को मारने और उनके वीडियो को पॉर्न वेबसाइट पर डालने की धमकी देता था। ये सारी घटनाएं 2015 से 2017 के शुरुआती महीनों के बीच हुईं।
 
इंटरनेट पर यौन हिंसा
ब्योर्न पर इंटरनेट के ज़रिए यौन हिंसा करने का मुकदमा चलाया गया जो अपने आप में ऐसा पहला मामला था। इसके अलावा ब्योर्न पर चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी का मामला भी दर्ज किया गया क्योंकि उसने बच्चों की यौन क्रियाओं को अपने कम्प्यूटर पर रिकॉर्ड कर रखा था। लेकिन इंटरनेट पर यौन हिंसा होती क्या है?
 
इस मामले में वादी अनिका वैनरस्टोम के मुताबिक़, "यह यौन हिंसा करने वाले की कल्पनाओं पर निर्भर करता है। तकनीक की कोई सीमा नहीं होती इसलिए हमें मामले के हिसाब से सोचना चाहिए कि कौन सा काम यौन हिंसा में आ सकता है। ज़रूरी नहीं है कि हर मामला हमले या शारीरिक ज़ोर-ज़बरदस्ती का ही हो।"
 
अनिका ने कहा, "तकनीक के ज़रिए ऐसा करना किसी खेल के मैदान में जाकर अपना शिकार ताड़ने से भी ज़्यादा आसान है। हम इन मामलों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। ये वर्चुअल तरीक़े से किए जाने वाले असली जुर्म हैं।" 26 पीड़ित बच्चों में से 18 के साथ मुकदमे के दौरान पूछताछ की गई। मुकदमा 20 दिन चला।
 
किशोरों का यौन शोषण
बाक़ी नौ बच्चों की पहचान नहीं खोली गई है। ब्योर्न ने ये तो माना कि बच्चों से यौन क्रियाएं करवाई गईं लेकिन उसने ख़ुद के इस मामले में शामिल होने से इंकार कर दिया। इससे मिलता-जुलता एक मामला पहले भी सामने आया है। साल 2011 में मेक्सिको के लुईस मियांगोस को कैलिफ़ोर्निया में छह साल की सज़ा सुनाई गई थी।
 
मियांगोस भ्रामक सॉफ़्टवेयर के ज़रिए किशोरों का यौन शोषण करता था। लेकिन एफ़बीआई की रिपोर्ट के मुताबिक़ मियांगोस को साइबर चरमपंथ और मनोवैज्ञानिक युद्ध के आरोप में मामला चलाया गया था। ऑनलाइन बलात्कार के मामले में नहीं। स्वीडन में बीते कुछ सालों में यौन हिंसा और बलात्कार के मामलों में बहुत तेज़ी आई है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ स्वीडन बलात्कार के मामलों में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़ अकेले 2015 में ही वहां यौन हिंसा के 17,300 मामले सामने आए।
 
इंटरनेट पर यौन हिंसा के मामले में क्या करना चाहिए
*छुपाएं नहीं: अपने भरोसे के किसी व्यक्ति से बात करें और पुलिस में शिकायत दर्ज करें।
*डर कर पैसे न दें: किसी के ब्लैकमेल में न आएं। अगर आपने डर कर पहले ही भुगतान कर दिया है तो उसे कैंसल कर दें।
*संपर्क न रखें: अपराधियों से किसी तरह की बातचीत न करें।
*सबूत संभालकर रखें: अपनी बातचीत और तस्वीरों को मिटाएं नहीं, सबूत के तौर पर संभालकर रखें फिर चाहे वे कितनी भी शर्मनाक क्यों न हों।
 
स्वीडन में रेप क़ानून
स्वीडन में बलात्कार के बढ़ते मामलों की वजह से वहां क़ानून में बदलाव किए गए हैं। नए क़ानून में ऑनलाइन बलात्कार को भी शामिल किया गया है। क़ानून के हिसाब से यौन हिंसा सिर्फ़ पीड़ित के साथ शारीरिक संपर्क या प्रवेश करने तक ही सीमित नहीं है।
 
ग्लासगो विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर जेम्स चामर्स के मुताबिक़, "बलात्कार से जुड़े ज़्यादातर क़ानून में शर्त होती है कि पीड़ित के शरीर में प्रवेश किया गया हो। इसलिए अगर यह मामला किसी और देश में हुआ होता तो ब्योर्न पर बलात्कार का मुकदमा चल ही नहीं पाता। स्वीडन के क़ानून में हुए बदलाव के बाद अब बाक़ी देशों को भी अपने क़ानून पर दोबारा विचार करने की प्रेरणा मिलेगी।"

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

history of King Harshavardhana : महान सम्राट हर्षवर्धन का इतिहास