धनु-स्वभावगत कमियां
धनु राशि वालों में अभिमान भी पाया जाता है, जो उनका महान शत्रु सिद्ध होता है। यह अभिमान उन्हें अपनी गलती को स्वीकार नहीं करने देता तथा रोने के समय भी हंसने को विवश करता है। धनु राशि के व्यक्ति नियंत्रण खो देने पर खाने-पीने तथा हृदय के मामलों में सीमा को लांघ जाते हैं। जो कुछ इनके पास है, उस पर गर्व भी करते हैं। इनकी उदारता कभी-कभी उन्हें विश्वासघात का शिकार बना देती है। धनु राशि वालों की इच्छा विशिष्ट बनने की रहती है। उनका चुनाव बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होता। सतर्कता एवं सावधानी से काम न लेने के कारण उनको कई बार मुसीबतोंमें फंस जाना पड़ता है। कमियों से बचने के उपाय धनु राशि वाले व्यक्तियों को जब भी कष्ट हो तो ईश्वर, दत्त, शिव, हनुमान व अन्य इष्ट देवता की भक्ति करना चाहिए। सूर्य मंत्र की पूजा भी फलदायिनी होती है। गुरुवार या शनिवार का उपवास करना चाहिए। विशेषकर गुरुवार का व्रत सदैव लाभप्रद है। पुष्पराज या माणिक या अलेक्ज़ेंड्रा का रत्न पहनना चाहिए अथवा भारंगी या खिरनी के वृक्ष की जड़ पास में रखना चाहिए। इससे कष्ट अवश्य ही दूर होते हैं। इस राशि में केतु हो तो अच्छा फल मिलता है। इनके लिए सूर्य उपासना उत्तम फलप्रद है। कांसा, चने की दाल, खांड, घी, पीला वस्त्र, पीला पुष्प, हल्दी, पुस्तक, घोड़ा, पीला फल आदि का दान शुभ फलप्रद है। 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः बृहस्पतये नमः' - इस मंत्र का 19,000 जाप करना मनोकामना पूर्ति में सहायक है।।