कुंभ-स्वास्थ्य
जातक शरीर से स्वस्थ रहते हैं तथा इनमें परिश्रम करने की सामर्थ्य काफी रहती है। ये अधिक बीमार नहीं पड़ते हैं, फिर भी पेट विकार, बवासीर,इंफ्लूएंजा हो जाता है। ये लोग साधारण ज्वर पीड़ा की तो चिंता ही नहीं करते हैं। साधारण ज्वर में भी घूमते-फिरते रहते हैं, क्योंकि इनका यह विश्वास रहता है कि विश्राम करने से ज्वर पीड़ा और भी बढ़ सकती है। घूमने-फिरने पर पुनः स्वस्थ होते भी देखे गए हैं। कुंभ राशि के जातक बलिष्ठ शरीर के स्वामी होते हैं लेकिन पांव तथा घुटने दुर्बल होते है। पेट, गुर्दे तथा मज्जा तन्तु भी कमजोर रहते हैं। अधिकतर पांव में मोच, पेट के रोगी, रक्त की अल्पता, वायु विकार, खुजली, रक्त-विकार, त्वचा रोग, शीत विकार, हृदय रोग, पागलपन, गंजापन अपघात आदि रोगों या विकारों से परेशान रहते हैं। स्वास्थ्य के लिए नियमित, पौष्टिक एवं संतुलित आहार लेना चाहिए। इनको विटामिन्स बी, सी एवं लौह तत्वों से युक्त खाद्य-पदार्थो का सेवन करना चाहिए।