यह योग शुभ भावों में (विशेषत: 1, 5, 9, 10 में) हो तो व्यक्ति उदार मन की, सहृदय, तेजस्वी व आदर्शवादी होते हैं। मन की बात स्पष्ट रूप से कहना इनकी खासियत होती है। यह युति कुंडली से होने पर 26वें वर्ष में भाग्योदय होता है और मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, कीर्ति सब कुछ मिलता है। राजकीय सम्मान भी सूर्य की महादशा में मिलता है व बौद्धिक क्षेत्र में मनचाहा कार्यपद मिलता है।