ज्योतिष के अनुसार मंगल की खास विशेषताएं, जो आप नहीं जानते होंगे...

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ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु।
 

यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है मंगल के बारे में रोचक जानकारी... 
 
* मंगल को भौम यानी भूमि का पुत्र भी कहा जाता है।
 
* मंगल ऊर्जावान कार्रवाई, आत्मविश्वास और अहंकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
 
* मंगल युद्ध के देवता हैं और ब्रह्मचारी हैं।
 
* मंगल, लाल ग्रह मंगल के देवता हैं।
 
* मंगल की 4 भुजाएं हैं तथा शरीर के रोयें लाल रंग के हैं।
 
* मंगल के वस्त्रों का रंग भी लाल है।
 
* मंगल भेड़ के वाहन पर सवार हैं।
 
* मंगल हाथों ने गदा, त्रिशूल, अभयमुद्रा तथा वरमुद्रा धारण की हुई है।


 
* मंगल ग्रह को संस्कृत में अंगारक यानी जो लाल रंग का है, कहा जाता है।
 
* मंगल की प्रकृति तमस गुण वाली है।
 
* मंत्र- ॐ हं हनुमंताय नम: का पाठ करें।
 
* सामान्य मंत्र- 'ॐ अं अंगारकाय नम:' है।
 
* मंगल की शांति के लिए मंगलवार व्रत और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए तथा शिव उपासना करनी चाहिए।
 
* ऋण से मुक्ति देने में मंगल बहुत ही महत्वपूर्ण है। इनका ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ हर तरह के ऋण/कर्ज से मुक्ति देनेवाला है।
 
 - आरके.
 

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