ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु।
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है बृहस्पति (गुरु) के बारे में रोचक जानकारी...
* बृहस्पति, देवताओं के गुरु हैं, शील और धर्म के अवतार हैं, प्रार्थनाओं और बलिदानों के मुख्य प्रस्तावक हैं, जिन्हें देवताओं के पुरोहित के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
* ज्योतिष में इन्हें बृहस्पति (ग्रह) का स्वामी माना जाता है।
* वे सत्व गुणी हैं और ज्ञान और शिक्षण का प्रतिनिधित्व करते हैं।
* हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, वे देवताओं के गुरु हैं और दानवों के गुरु शुक्राचार्य के कट्टर विरोधी हैं।
* वे पीले या सुनहरे रंग के हैं और एक छड़ी, एक कमल और अपनी माला धारण करते हैं।
* ये बृहस्पतिवार/गुरुवार के स्वामी माने जाते हैं।
* मंत्र- ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
* विशेष : लग्न की स्थिति के अनुसार ग्रहों की शुभता- अशुभता व बलाबल भी बदलता है। जैसे सिंह लग्न के लिए शनि अशुभ मगर तुला लग्न के लिए अतिशुभ माना गया है।