Guru tara uday 2023 : शुक्र और गुरु तारा जब तक अस्त रहता है तब तक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। गुरु अर्थात बृहस्पति ग्रह 28 मार्च को ही मीन राशि में अस्त हो गए थे और फिर 22 अप्रैल को उन्होंने अस्त अवस्था में ही मेष राशि में प्रवेश किया था। इसके बाद अब वे 27 अप्रैल को उदित हो रहे हैं। आओ जानते हैं उदय काल और खास बातें।
उदय का समय : बृहस्पति ग्रह 27 अप्रैल 2023 को 2 बजकर 27 मिनट पर मेष राशि में उदय होंगे।
उच्च नीच : बृहस्पति की उच्च राशि कर्क और नीच राशि मकर है। मेष राशि उनकी मित्र राशि होने के कारण शुभ है।
अस्त और उदय : आकाश मंडल में जिस तरह हमें सूर्य और चंद्र अस्त और उदय होते हुए दिखाई देते हैं उसी तरह अन्य ग्रह भी अस्त और उदय होते हैं परंतु सूर्य की तेज रोशनी के कारण वह हमें दिखाई नहीं देते हैं।
शुभ कार्य : अधिकांश शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि समारोह, शुक्र और गुरु ग्रह के अस्त काल में नहीं किए जाते हैं।
गुरु के करें ये उपाय : गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें, चने की दाल सहित अन्य पीली वस्तुओं का दान करें और केले के पेड़ की पूजा करें। संभव हो तो गुरुवार के दिन विधि-विधान अनुसार व्रत का पालन करें।
पंचांग भेद अनुसार अन्य समय भी प्रचलित हैं-
- बृहस्पति अस्त दिनांक 2 अप्रैल 2023, रविवार को समय शाम की 07:21 से प्रारंभ होगा जो 29 अप्रैल 2023, शनिवार को प्रात: 05:34 तक अस्त रहने के बाद उदित होगा। कुल अस्त अवधि = 27 दिन रहेगी। यानी मीन में अस्त होगर मेष में उदय होंगे।
- दूसरा समय है 28 मार्च 2023, मंगलवार प्रात: 08:02:05 बजे से प्रारंभ होगा जो 27 अप्रैल 2023 गुरुवार को 02:06:32 तक अस्त रहने के बाद उदित होगा।
- तीसरा समय है- गुरु ग्रह 1 अप्रैल 2023 शनिवार को करीब शाम 7 बजकर 12 मिनट पर अस्त होंगे और इसके बाद 3 मई 2023 बुधवार को सुबह 4 बजकर 56 मिनट पर उदय होंगे। कुल अस्त अवधि 32 दिन रहेगी।