सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुण्डन, सगाई, गृहारम्भ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारम्भ एवं व्रतउद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त के निर्धारण में गुरु एवं शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना बहुत आवश्यक है। गुरू व शुक्र के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं बनते।
गुरु के तारे की अस्तोदय अवधि- -दिनांक 30 मार्च 2023, चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी दिन गुरुवार को गुरु का तारा पश्चिम दिशा में अस्त होगा जो दिनांक 30 अप्रैल 2023, वैशाख शुक्ल दशमी दिन रविवार को पूर्व दिशा में उदित होगा। इस अवधि में समस्त मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे।
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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