योग में बहुत सारी क्रियाओं का उल्लेख मिलता है। आसन, प्राणायाम के बाद क्रियाओं को भी करना सीखना चाहिए। क्रियाएं करना बहुत कठिन माना जाता है, लेकिन क्रियाओं से तुरंत ही लाभ मिलता है। योग में प्रमुखत: छह क्रियाएं होती है:-1. त्राटक 2. नेति 3. कपालभाती 4. धौती 5. बस्ती 6. नौली। नेती भी तीन प्रकार की होती है- 1.सूतनेति 2.जल नेति और 3.कपालनेति। आओ जानते हैं जलनेति के बारे में।
जलनेति अर्थात जल से नासिका के दोनों छिद्रों को अच्छी तरह से धोना। यह माना जाता है कि वायरस पहले आपकी नासिका में प्रवेश करता है। फिर वहां से गले में और अंत में फेंफड़ों में प्रवेश कर जाता है। ऐसे में यदि आप किसी भी उपक्रम से नासिका को प्रतिदिन साफ करते रहेंगे तो इससे लाभ मिलेगा।
नोट : यहां यह दावा नहीं किया जा रहा है कि जलनेति से कोरोना वायरस भाग ही जाएगा, परंतु इससे बचाव होता रहेगा। यह क्रिया डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
कैसे करें जलनेति :
1. नासिका के एक छिद्र से बहुत ही धीरे-धीरे पानी पीएं।
2. गिलास की अपेक्षा यदि नलीदार बर्तन या सुराही जैसा लोटा होतो नाक से पानी पीने में आसानी होगी।
3. लोटा नहीं होतो पहले एक ग्लास पानी भर लें फिर झुककर नाक को पानी में डुबाएं और धीरे-धीरे पानी अंदर जाने दें। नाक से पानी को खींचना नहीं है। ऐसा करने से आपको कुछ परेशानी का अनुभव होगा। गले की सफाई हो जाने के बाद आप इसे आसानी से कर सकेंगे।
4. एक नाक से पानी अंदर लेना है और दूसरी से बाहर निकालना है। यही जलनेति क्रिया है।
नेति क्रिया के लाभ:
1. इससे आंखों की दृष्टि तेज होती है।
2. इस क्रिया के अभ्यास से नासिका मार्ग की सफाई होती ही है।
3. इससे कान, नाक, दांत, गले आदि के कोई रोग नहीं हो पाते हैं।
5. इसे करते रहने से सर्दी, जुकाम और खांसी की शिकायत नहीं रहती।
6. इस क्रिया को करने से दिमाग का भारीपन हट जाता है, जिससे दिमाग शांत, हल्का और सेहतमंद बना रहता है।
7. नेति क्रिया को मुख्यत: श्वसन संस्थान के अवयवों की सफाई के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसे करने से प्राणायाम करने में भी आसानी होती है।
सावधानी : नाक, गले, कान, दांत, मुंह या दिमाग में किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या होतो नेति क्रिया योगाचार्य के मार्गदर्शन में करना चाहिए। इसे करने के बाद कपालभाती कर लेना चाहिए।