जीवन के प्रत्येक्ष क्षेत्र में अनुशासन का महत्व है। अनुशासन से धैर्य और समझदारी का विकास होता है। समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। दूसरी ओर यदि साधना करते समय अगर अनुशासन नहीं हो तो साधना निष्फल हो जाती है। व्यक्ति चाहकर भी जीवन को अनुशासनबद्ध नहीं कर पाता, लेकिन इस मुद्रा को करते रहने से चमत्कारिक रूप से व्यक्ति स्वत: ही अनुशासन में रहने लगता है। सफलता का सूत्र है अनुशासन।