सोशल मीडिया पर एक वीडियो पिछले कई दिनों से वायरल है। वीडियो में कई बच्चे दिख रहे हैं। उन्होंने कुर्ता पायजामा पहना हुआ है। कइयों के सिर पर मुस्लिम टोपी है। पुलिस उन बच्चों को एक तरफ कहीं ले जाते दिख रही है। वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कोलकाता पुलिस ने मदरसे के बच्चों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि वे बच्चे आतंकी ट्रेनिंग लेने जा रहे थे।
वायरल वीडियो देखें-
सच क्या है?
जब हमने इस वीडियो की पड़ताल शुरू की, तो पाया कि यह चार साल पहले भी वायरल हुआ था, वह भी हू-ब-हू इसी मैसेज के साथ।
आपको बता दें कि वायरल वीडियो अगस्त 2015 का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दस्तावेजों के अभाव के कारण महाराष्ट्र के मदरसे जा रहे बच्चों को पुलिस ने कोलकाता के सियालदह रेलवे स्टेशन पर रोक लिया था। पुलिस के अनुसार बच्चों को मुम्बई ले जाकर बेचने का अनुमान लगाया जा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2 अगस्त 2015 को एक मौलवी पूर्णिया और अररिया (बिहार) से करीब 63 बच्चों को पुणे के किसी मदरसे में पढ़ाने के लिए लेकर जा रहा था। एक साथ इतने बच्चों को देखकर शक के आधार पर जब पुलिस ने मौलवी से पूछताछ की, तो वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका। हालांकि, बच्चों ने भी मदरसा में पढ़ने को जाने की बात कही। लेकिन, पुलिस का शक दूर नहीं हुआ और उन्हें राज्य के शिशु कल्याण संगठन के हवाले कर दिया गया।
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द हिंदू’ के 5 अगस्त 2015 की रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल पुलिस ने सियालदह स्टेशन से रेस्क्यू किए गए बच्चों को रेल एसपी के नेतृत्व में पूर्णिया भेज दिया।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है कि वायरल वीडियो 4 साल पुराना है और इसे गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। इन बच्चों को दस्तावेजों के अभाव में हिरासत में लिया गया था, न कि आतंकी ट्रेनिंग लेने के शक पर।