कुछ तस्वीरें झूठी होती हैं, कुछ कहानियां और किस्से भी। कोरोना का संकट और अफवाहों के इस दौर में एक ऐसी ही तस्वीर और उसकी कहानी इंटरनेट पर वायरल हो रही है।
इसे इंडोनेशिया के एक डॉक्टर की तस्वीर बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह तस्वीर डॉ हैदियो अली की है। वे डॉक्टर हैं और एक अस्पताल में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। कहानी बताई जा रही है कि मरीजों का इलाज करते-करते खुद डॉ हैदियो भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए।
कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डॉ हैदियो की तस्वीर को इमोशनल एंगल देकर शेयर किया जा रहा है।
तस्वीर में डॉ हैदियो अपने घर के बाहर वाले गेट पर मास्क लगाकर खड़े हैं, और इस तरफ आंगन में खड़े दो छोटे बच्चों को निहार रहे हैं।
कहा जा रहा है कि बच्चों के पीछे एक महिला भी है। इस महिला को प्रेगनेंट और गेट पर खड़े डॉ हैदियो की पत्नी बताया गया है। कहा गया है कि इसी महिला ने यह तस्वीर ली है जो कई देशों में वायरल हो रही है। डॉ हैदिया आखिरी समय में अपने बीवी और बच्चों को देखने के लिए आए थे और बाद में उनकी मौत हो गई।
एक इमोशनल मैसेज के साथ इस तस्वीर को खूब पसंद किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस इतना खतरनाक है कि इससे संक्रमित व्यक्ति अपने आखिरी समय में भी अपने बच्चों और परिवार वालों को गले नहीं लगा सकता है।
यह बिल्कुल सही बात है कि कोरोना बेहद खतरनाक और जानलेवा वायरस है, पूरी दुनिया इससे हताहत हो रही है। ऐसे में बचाव ही जिंदा रहने का एकमात्र उपाय है। लोगों को घर में ही रहने के लिए लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाए गए हैं।
लेकिन यह भी सच है कि जिस तस्वीर को कोरोना से संक्रमित डॉ हैदियो की बताया जा रहा है वो उनकी नहीं है।
वास्तव में यह तस्वीर इंडोनेशिया की नहीं बल्की मलेशिया के एक डॉक्टर की है, जो फिलहाल मलेशिया में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहा है और इसे उनके कजिन भाई अहमद अफरीदी ने 21 मार्च को फेसबुक शेयर की थी। यानी डॉ हैदिया अली वाली कहानी झूठी है।