किसी भी सीरिज के शुरुआती एपिसोड देखने के बाद उसके बारे में पूरी तरह से बात करना सही नहीं होता क्योंकि आगे के एपिसोड में कहानी कुछ और दिशा ले सकती है। बहरहाल 'द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स द रिंग्स ऑफ पॉवर' का जबरदस्त क्रेज है और इसके दो एपिसोड रिलीज हो चुके हैं इसलिए सिर्फ इन दो एपिसोड की बात की जा सकती है।
लॉर्ड ऑफ रिंग्स की मूवीज़ ने खूब तहलका मचाया था, अब इस को सीरिज के रूप में पेश कर 'गेम्स ऑफ थ्रोन्स' के मुकाबले खड़ा किया जा रहा है। 'गेम्स ऑफ थ्रोन्स' की दीवानगी के बारे में सभी जानते हैं और 'द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स द रिंग्स ऑफ पॉवर' के मेकर भी अपने शो के लिए ऐसी लोकप्रियता चाहते हैं।
वे ऐसे दर्शकों को भी सीरिज से जोड़ना चाहते हैं जो 'लॉर्ड ऑफ रिंग्स' के बारे में कुछ नहीं जानते। यदि आप उन दर्शकों में से हैं और इस सीरिज का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो थोड़ी मुश्किल आ सकती है।
द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स द रिंग्स ऑफ पॉवर में किरदार और उनसे जुड़ी बातों की जानकारी दी गई हैं, लेकिन दिक्कत ये है कि इतने सारे किरदार और इतनी सारी बातें याद रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है और इससे कठिनाई सामने आने लगती है। कुछ लोग तो दोबारा ये एपिसोड देख सकते हैं ताकि किरदारों से अच्छी तरह से परिचित हो सके।
पहले एपिसोड का टाइटल "A Shadow of the Past" और दूसरे का "Adrift" है। डार्क लॉर्ड मोर्गोथ की हार के बाद, एल्फ फिनरोड, सौरोन की तलाश में मर गया। फिनरोड की बहन गैलाड्रियल ने खोज जारी रखने की कसम खाई और फोरोडवैथ के उत्तरी बंजर भूमि में एक किले का पता लगाया, जिस पर सौरोन का निशान है। ये कहानी की आउट लाइन है।
पहले दो एपिसोड में जो बात सबसे गहरा असर छोड़ती है वो है 'भव्यता'। शो का स्केल विराट है। ऐसे प्रोजेक्ट्स को बड़े परदे पर देखने का मजा है, लेकिन यहां ध्यान रखा है कि सभी दर्शक टीवी पर इसे देखेंगे तो टीवी पर भी भव्यता नजर आनी चाहिए और इसमें मेकर्स कामयाब भी रहे हैं।
फिलहाल मेकर्स ने भव्यता से दर्शकों को चकित करने का प्रयास शुरुआती दो एपिसोड में किया है, उम्मीद है कि कहानी को अगले एपिसोड्स से विस्तार दिया जाएगा।