घर के मुख्य द्वार पर शुभ चिन्ह अंकित करना चाहिए, इससे सुख-समृद्धि बनी रहती ऐसा हमारे शास्त्रों में वर्णन है। इसके अलावा वास्तु में कई शुभ चिह्न बताए गए हैं जो घर को सभी परेशानियों को दूर रखने में हमारी मदद करते हैं।
घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे इसलिए कई प्रकार के चिन्ह बनाए जाते हैं। इनमें स्वस्तिक, ॐ, ॐ नमः शिवाय, श्रीगणेश, पंचमुखी हनुमानजी का चित्र, शुभ-लाभ आदि शामिल हैं।
* ऐसी मान्यता है कि घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाकर शुभ-लाभ लिखने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। स्वस्तिक के साथ ही शुभ-लाभ का चिन्ह भी धनात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
* स्वस्तिक का चिन्ह बनाने से हमारे आसपास से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। इसलिए स्वस्तिक के साथ ही हर-त्योहार पर घर के मुख्य द्वार पर सिन्दूर से शुभ-लाभ लिखा जाता है।
* शास्त्रों के अनुसार गणेश प्रथम पूज्य हैं और शुभ व लाभ यानी शुभ व क्षेम को उनका पुत्र माना गया है।
* वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर श्रीगणेश का चित्र या स्वस्तिक बनाने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे घर में हमेशा गणेशजी की कृपा रहती है और धन-धान्य की कमी नहीं होती।
इसी वजह से घर के मुख्य द्वार पर श्रीगणेश का छोटा चित्र लगाएं या स्वस्तिक या अपने धर्म के अनुसार कोई भी शुभ या मंगल चिन्ह अवश्य लगाया जाना चाहिए।
* अगर आपका मुख्य द्वार दक्षिण मुखी है तो दरवाजे पर पंचमुखी हनुमानजी का चित्र लगाकर उसकी शुभता बढ़ाई जा सकती है।