Water Placement Vastu in kitchen
हमारे वास्तु शास्त्र में पानी, अग्नि, वायु, आकाश और पृथ्वी तत्व के लिए अलग-अलग दिशाएं या जगह बताई गई हैं। अत: हमें घर में इन तत्वों से जुड़ी चीजें भी इनकी दिशाओं के अनुसार ही रखनी चाहिए, अन्यथा वास्तु दोष के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र में जल का सर्वाधिक शुभ स्थान ईशान कोण को ही माना गया है। इसीलिए घर में पानी सही स्थान पर और सही दिशा में रखने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अनुकूल रहता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
यहां पढ़ें 8 सरल वास्तु टिप्स-
* पानी का बर्तन रसोई के उत्तर-पूर्व या पूर्व में भरकर रखें।
* पानी का स्थान ईशान कोण है अतः पानी का भण्डारण अथवा भूमिगत टैंक या बोरिंग पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में होनी चाहिए।
* पानी को ऊपर की टंकी में भेजने वाला पंप भी इसी दिशा में होना चाहिए।
* दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम अथवा दक्षिण-पश्चिम कोण में कुआं अथवा ट्यूबवेल नहीं होना चाहिए। इसके लिए उत्तर-पूर्व कोण का स्थान उपयुक्त होता है। इससे वास्तु का संतुलन बना रहता है।
* ओवर हेड टैंक उत्तर और वायव्य कोण के बीच होना चाहिए। टैंक का ऊपरी भाग गोल होना चाहिए।
* अन्य दिशा में कुआं या ट्यूबवेल हो, तो उसे भरवा दें और यदि भरवाना संभव न हो, तो उसका उपयोग न करें।
* नहाने का कमरा पूर्व दिशा में शुभ होता है।
* ध्यान रखें, घर के किसी नल से पानी नहीं रिसना चाहिए अन्यथा भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है।