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आग्नेय कोण का है मकान तो हो जाएं सावधान, जानिए 10 नुकसान

हमें फॉलो करें आग्नेय कोण का है मकान तो हो जाएं सावधान, जानिए 10 नुकसान

अनिरुद्ध जोशी

, शुक्रवार, 17 जुलाई 2020 (12:08 IST)
हमने यह देखा है कि जब भी हम प्लाट या मकान खरीदने जाते हैं तो हमें पूर्व दिशा प्लाट या मकान बताया जाता है जबकि अधिकतर कालोनियों के प्लाट पूर्णत: पूर्व या उत्तर में नहीं कटे होते हैं। इसलिए कई लोगों के मकान पूर्व दिशा के नाम पर या तो ईशान कोण के होते हैं या आग्नेय कोण के। ईशान कोण के हैं तो अच्छी बात है लेकिन यदि आग्नेय कोण के हैं तो जान लें इसके 5 नुकसान। 
 
आग्नेय मुखी मकान या भूखंड : ऐसे भूखण्ड जिनके पूर्व एवं दक्षिण में सड़क होवे उसे आग्नेय मुखी भूखण्ड कहते है। 
 
1. आग्नेय कोण के मुख्‍य द्वार वाले मकान के बारे में कहा जाता है कि यह बीमारी और गृहकलह पैदा करने वाला होता है।
 
2. दिनभर सूर्य का ताप घर में बने रहने से घर के भीतर का ऑक्सिजन लेवल कम हो जाता है। इससे घर के सदस्यों में चिढ़चिढ़ापन आ जाता है।
 
3. इस मकान के कारण सभी तरह की प्रगति रुक जाती है, लगातर आर्थिक हानी होती रहती है।
 
4. कुछ वास्तु शास्‍त्री मानते हैं कि अक्सर ऐसे मकान रहने के 9वें वर्ष में फल देना प्रारंभ करते हैं।
 
5. इस मकान में रहने वाले यदि कर्ज लेते हैं तो फिर वे कभी चुका नहीं पाते हैं। यहां रहने वाले लोग कर्ज में डूब जाता है।
 
6. यदि पूर्वी आग्नेय का विस्तार पूर्वाभिमुखी होतो पुरुष संतति की मृत्यु होकर गृहस्वामी महिला होती है।
 
7. आग्नेय मकान के लिए यदि पूर्व-आग्नेय का मार्ग प्रहार हो तो पुरुष चरित्र भ्रष्ट होंगे ऐसे में महिलाओं को ही घर संभालना होता है।
 
8. अग्नि कोण काल पुरूष की बाई भुजा, घुटने एवं बाई नेत्र को प्रभावित करते हैं। अग्नि कोण में कोई दोष होतो गृहस्वामी की बाई भुजा एवं घुटने संबंधित समस्या खड़ी हो सकती है।
 
9. ऐसे भूखण्ड या मकान में परिवार की प्रथम सन्तान एवं महिलाओं पर विशेषरूप से बुरा प्रभाव पड़ता है।
 
10. आग्नेय का मतलब आग का स्थान जहां, पांचों, तत्वों में महत्वपूर्ण तत्व आग है तथा प्रत्येक आवासीय भवन में आग का स्थान निर्धारित होता है, जिसे रसोईघर या किचन कहते हैं। अक्सर गृहलक्ष्मी का 24 घण्टों में लगभग 8 घन्टे का समय रसोई में ही बीतता हैं। इस प्रकार जीवन का एक तिहाई भाग रसोईगृह में आग के सम्पर्क में रहकर महिलाओं की सेहत पर प्रतिकूल असर होता है। इसलिए महिलाएं चिढ़चिढि़ हो जाती है। खराब मनोदशा में बनाए भोजन के कारण घर के अन्य सदस्य भी इससे प्रभावित होते हैं। एक सदस्य के कारण घर के सभी सदस्य मानसिक रूप में परेशान रहते हैं।
 
अत: आग्नेय कोण का मकान सही नहीं होता। हालांकि रसोई घर आग्नेय कोण भी ही वास्तु अनुसरा बनाया जाए तो इससे घर की महिलाओं को लाभ मिलेगा। रसोईघर में एग्जॉस्ट फेन लगा होना जरूरी है और वहां खिड़की का होना भी जरूरी है।
 
संदर्भ : महाराज भोज देव द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में ‘समरांगण सूत्रधार’ 

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