मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि समूह की डिजिटल इकाई जियो घरेलू 5जी समाधान विकसित करने में लगी है।
कंपनी की 43वीं वार्षिक आमसभा में देश के सबसे धनी व्यक्ति अंबानी ने कहा कि जियो ने शून्य से प्रारंभ कर पूर्णतया अपना 5जी समाधान डिजाइन और विकसित किया है। यह परीक्षण के लिए तैयार है। अगले साल जितने जल्दी 5जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा, उतनी ही जल्दी हम इसका प्रायोगिक परीक्षण शुरू कर देंगे।
उन्होंने कहा कि जियो का विश्वस्तरीय 4जी और फाइबर नेटवर्क विभिन्न सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकियों और उपकरणों से संचालित होता है। जियो की यह क्षमता उसे एक और अन्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी 5जी के लिए अग्रणी स्थिति में रखती है।
अंबानी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ने 20 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों के साथ मिलकर 4जी, 5जी, क्लाउड कम्प्यूटिंग, उपकरण और ऑपरेटिंग सिस्टम्स, बिग डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन, स्वाभाविक तरीके से भाषा की समझ और कम्प्यूटर दृष्टिकोण इत्यादि प्रौद्योगिकी से जुड़ी विश्वस्तरीय क्षमताओं को विकसित किया है।
उन्होंने कहा कि इन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर हम मीडिया, वित्तीय सेवा, नए वाणिज्य (ई-वाणिज्य), शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट विनिर्माण और स्मार्ट परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए समाधान उपलब्ध करा सकते हैं।
अंबानी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स ने मौलिक बौद्धिक संपदा अधिकार पर आधारित विकास के दृष्टिकोण को अपनाया है। इसका उपयोग कर हम पहले भारत और बाद में दुनियाभर में विभिन्न पारितंत्रों के लिए बदलती प्रौद्योगिकी की शक्ति का प्रदर्शन कर सकते हैं।
रिलायंस के प्रमुख ने कहा कि अगले 3 साल में जियो के मोबाइल ग्राहकों की संख्या करीब 50 करोड़ होगी। साथ ही जियो करीब 1 अरब स्मार्ट सेंसर और 5 करोड़ घरों और कारोबारी प्रतिष्ठानों को भी अपने नेटवर्क से जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमने डिजिटल कनेक्टिविटी की वृद्धि के 5 प्रमुख क्षेत्र मोबाइल ब्रॉडबैंड, जियो फाइबर, जियो व्यापारिक प्रतिष्ठान ब्रॉडबैंड, लघु उद्यमों के लिए ब्रॉडबैंड और जियो की नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेवा को पूरी तरह शुरू कर दिया है। (भाषा)