वसंत पंचमी के दिन विद्या, ज्ञान और बुद्धि की देवी सरस्वती की आराधना विविध प्रकार से की जाती है। मंत्रों से की गई आराधना विशेष प्रतिफलित होती है। प्रस्तुत है पुराणों से लिए गए सरस्वती के 3 असरकारी मंत्र :
1.सरस्वतीस्तोत्रम्
सरस्वति नमौ नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम: ।
वेदवेदान्तवेदाङ्गविद्यास्थानेभ्य एव च ॥
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने ।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते ॥१४॥ सरस्वतीस्तोत्रम्
अर्थात : सरस्वती को नित्य नमस्कार है, भद्रकाली को नमस्कार है और वेद, वेदान्त, वेदांग तथा विद्याओं के स्थानों को प्रणाम है। हे महाभाग्यवती ज्ञानरूपा कमलके समान विशाल नेत्रवाली, ज्ञानदात्री सरस्वती। मुझको विद्या दो, मैं आपको प्रणाम करता हूं।
2.एकदशाक्षर सरस्वती मंत्र
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वतै नम:
3. वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि
मङ्गलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ।।1।।
अर्थात : अक्षरों, अर्थसमूहों, रसों, छन्दों और मंगलों की करने वाली सरस्वती जी और गणेश जी की वन्दना करता हूँ।- श्रीरामचरिमानस बाल कांड