लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण के दौर में राजधर्म निभाने के लिए उन्होंने 2 महीने के लिए उस मठ से भी दूरी बना ली जिसके वे पीठाधीश्वर हैं जबकि इतने लंबे समय में ऐसा पहली बार हुआ है कि गोरखनाथ मंदिर से नाता जोड़ने के बाद वे अपने मठ से पूरे 2 महीने दूर रहे हो। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा करके एक बार फिर नाथ पीठ के जनसमर्पण भाव की बानगी पेश की है।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे 2 महीने के बाद शुक्रवार की देर शाम गोरखपुर पहुंचे और उन्होंने शनिवार सुबह कोरोना महामारी से लोकरक्षा के लिए अपने आवास स्थित शक्तिपीठ में रुद्राभिषेक किया और इस दौरान उन्होंने देवाधिदेव भगवान शिव से कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे संपूर्ण विश्व के कल्याण, उद्धार, समृद्धि एवं शांति के लिए प्रार्थना की।
उसके बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए वे गोशाला पहुंचे, जहां तकरीबन आधे घंटे का समय गोसेवा में व्यतीत किया। गोशाला की गायों की देखभाल करने वाले सेवकों से बातचीत की और वहां की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया और फिर वे लखनऊ के लिए रवाना हो गए।