लखनऊ। उत्तरप्रदेश में प्रवासी मजदूरों को लाने को लेकर बसों को लेकर कांग्रेस और योगी सरकार के बीच पत्राचार का दौर जारी है और जमकर उत्तरप्रदेश में प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति हो रही है। इसी बीच कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद उत्तरप्रदेश में राजनीतिक भूचाल आ गया है।
जहां कांग्रेस कार्यकर्ता वरिष्ठ नेता विधायक के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए नसीहत देते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं बीजेपी के कई नेता कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह के साथ खड़ी नजर आ रहे हैं।
बताते चलें कि प्रवासी मजदूरों को लाने को लेकर कांग्रेस और योगी सरकार के बीच चल रही राजनीतिक जंग को लेकर रायबरेली सदर से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने ट्विटर के माध्यम से कहा है कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत? 1,000 बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एम्बुलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के? ये कैसा क्रूर मजाक है?
अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब व महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई? कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे, तब कहां थीं ये तथाकथित बसें? तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक न छोड़ पाई, तब श्री @myogiadityanathजी ने रातोरात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया। खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
गौरतलब है कि अदिति सिंह ने पहली बार कांग्रेस के खिलाफ जाकर बयान नहीं दिया है। इससे पहले भी कई बार उन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाकर बयान दिया है। 1 दिन के विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान एक तरफ प्रियंका गांधी लखनऊ में प्रदर्शन कर रही थीं, वहीं अदिति सिंह सत्र में पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर विधानसभा में उपस्थित थीं। इसको लेकर कांग्रेस की तरफ से अदिति को नोटिस भी जारी किया गया था।