कानपुर देहात। कानपुर देहात के मैथा तहसील के अंतर्गत 13 फरवरी को ग्राम मड़ौली में मां व बेटी की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई थी। घटना के 2 महीने बीत जाने के बाद भी सभी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। जिससे परेशान होकर पीड़ित परिवार के सदस्य कलेक्टोरेट भवन के समक्ष धरना देकर आरोपितों की गिरफ्तारी व मुआवजे के साथ ही भाई को नौकरी दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
कोई नहीं उठाता फोन : मृतका प्रमिला के बेटे शिवम ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के जो मुख्य आरोपी हैं, उनमें से किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं जो सरकार द्वारा मदद करने का आश्वासन दिया गया था, वह भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
शिवम ने कहा कि न ही तो कमिश्नर साहब फोन उठाते हैं और न ही कोई अधिकारी ही फोन उठाता है जिससे अब हम सब परेशान हो गए हैं। इसी कारण से मैं अपने परिवार के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा हूं। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, धरना जारी रहेगा।
जानिए कि क्या था विवाद जिसने ले लिया था भयावह रूप? : दरअसल, कानपुर देहात की मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्णगोपाल दीक्षित के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत थी। 13 फरवरी को एसडीएम (अब सस्पेंड) मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, पुलिस व राजस्वकर्मियों के साथ गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। इस दौरान जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया गया था।
मां-बेटी की जलकर मौत: छप्पर गिरने से उसमें आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (18) की आग में जलकर मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए थे। पुलिस ने एसडीएम, लेखपाल व थाना प्रभारी सहित 39 लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने जेसीबी चालक व लेखपाल अशोक सिंह को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, वहीं पूरे मामले की जांच एसआईटी कर रही थी।
Edited by: Ravindra Gupta