मेरठ। गैस सिलेंडर लीक होने पर एक परिवार की जान पर बन आई। थाना कोतवाली क्षेत्र स्थित खंदक बाजार के एक घर में गैस का सिलेंडर लीक होने के कारण आग लग गई। इस आग में 2 अबोध बच्चों की आग में जिंदा जलने से जान चली गईं। आग लगते ही परिवार में कोहराम मच गया और परिवार के सभी सदस्य घर से बाहर की तरफ भाग निकले।
इसी दौरान एक कमरे में पलंग के ऊपर एक माह की बच्ची और एक 21 दिन की बच्ची सो रही थी। इन दोनों मासूम बच्चियों को आग ने अपनी चपेट में ले लिया और उनकी मौत हो गई। फायर ब्रिगेड को संकरी गली में पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके कारण आग की लपटों में पूरा समा गया। घटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया है।
मेरठ के कोतवाली थाना क्षेत्र के खंदक बाजार में जश्न का माहौल गम में बदल गया। इलाके के रहने वाले मोहम्मद जुनैद की 21 दिन की बच्ची का नामकरण का कार्यक्रम था। इसमें शामिल होने के लिए रिश्तेदार मौजूद थे। जुनैद की बहन दिल्ली से अपने परिवार के साथ कार्यक्रम में शामिल होने आई थी।
रविवार शाम करीब 7 बजे आसपास रसोई में खाना बन रहा था, इसी दौरान अचानक से गैस सिलेंडर लीक होने लगा और पाइप ने आग पकड़ ली। इस दौरान जुनैद और उनके रिश्तेदार चांद ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन इन लोगों की तमाम कोशिशें नाकाम रही, क्योंकि आग की लपटें चारों तरफ फैल गई और घर को चपेट में ले लिया।
आग से बचने के लिए जुनैद का परिवार और रिश्तेदार घर से बाहर निकल आए और बेड पर सोती हुई बच्चियों की तरफ उनका ध्यान नहीं गया। परिवार को जब बच्चियों का ध्यान आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग पूरे घर को अपने आगोश में ले चुकी थी और दोनों बच्चियां आग में फंसी हुई थीं।
फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने जब आग पर काबू पाया और वह परिवार के साथ बच्चियों तक पहुंचा तो बहुत देर हो चुकी थी। दोनों मासूम जिंदा जलकर खाक हो गईं। जुनैद के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। एक साथ दो परिवारों की खुशियों को आग ने छीन लिया। इसके चलते परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार ने बच्चियों का पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया है।
पुलिस के डिप्टी एसपी अरविंद चौरसिया का कहना है कि परिवार में जुनैद की बच्ची का नामकरण था। गैस लीक होने के चलते हादसा हुआ और उसमें दो बच्चियों की जान चली गई है। आग हादसे के समय परिवार और रिश्तेदार खुद घर से बाहर निकल गए और दोनों बच्चियों को कमरे से निकालना भूल गए। घर का दरवाजा छोटा था। इसके चलते आग बुझाने में दिक्कत आई।