कानपुर। उत्तरप्रदेश में योगी सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद कोर्ट ने योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान को 1 वर्ष व 1500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई और वहीं पहले से कोर्ट में पड़ी उनकी जमानत अर्जी को भी कोर्ट ने मंजूरी देते हुए 20-20 हजार के 2 बंधपत्र एवं एक निजी मुचलके पर रिहा भी कर दिया है।
बताते चलें कि पिछले 2 दिनों से लगातार आरोपों के घेरे से गिरे योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को 6 सदस्यीय वकीलों की टीम के साथ अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट आलोक यादव की कोर्ट में सरेंडर किया और फिर बंद कमरे में मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान दोनों ही पक्षों के वकील की दलील कोर्ट में सुनी गई। सुनवाई पूरी होने के बाद कैबिनेट मंत्री के वकील रामेन्द्र कटियार ने कोर्ट रूम में मौजूद न्यायाधीश से कम से कम सजा की मांग की।
दोनों ही पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को दोषी करार दिए और 1 वर्ष का साधारण कारावास और 1,500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। इस दौरान अधिवक्ता ने कोर्ट से अपील के लिए 15 दिन का समय मांग और उसकी कॉपी देने की बात कही। इस पर कोर्ट ने मंत्री की जमानत याचिका को मंजूरी देते हुए 20-20 हजार के 2 बंधपत्र एवं 1 निजी मुचलके पर रिहा किया है।
गौरतलब है कि योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ अवैध असलहा बरामदगी का मामला कानपुर की एसीएमएम तृतीय की अदालत में विचाराधीन चल रहा था। बीते 6 अगस्त को कोर्ट का फैसला आना था और मंत्री भी कचहरी पहुंचे थे। कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद वे अचानक गायब हो गए थे।
देर शाम कोर्ट की रीडर कामिनी द्वारा कोतवाली में मंत्री राकेश सचान पर कोर्ट के आदेश की मूल प्रति लेकर फरार होने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी गई थी। प्रकरण की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी से रिपोर्ट भी तलब की थी। वहीं पुलिस अफसरों ने कोर्ट कर्मी की तहरीर पर जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी। कोर्ट की अनुमति के बाद सीसीटीवी फुटेज जांचने को लेकर पुलिस ने कवायद शुरू करने की जानकारी दी थी।