वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन के मामले पर जिला जज ने अपना महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने इस मामले को सुनने योग्य करार देते हुए मुस्लिम पक्ष की एप्लीकेशन खारिज कर दी है। जैसे ही यह बात हिन्दू पक्ष के एडवोकेट ने बाहर आकर बताई तो काशी की सड़कों पर हर-हर महादेव की गूंज सुनाई देने लगी। महिलाओं ने भी बम-बम बोल रहा है काशी का गान शुरू कर दिया।
मुस्लिम महिला फाउंडेशन से जुड़ी महिलाओं ने भी ज्ञानवापी गौरी श्रृंगार मामले में अपनी खुशी जताते हुए भगवान की आरती में हिस्सा लिया, बैंड-बाजे के साथ मुस्लिम महिलाओं ने अदालत के फैसले का खुले दिल से स्वागत किया है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिला कोर्ट के वे इस फैसले को वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। ज्ञानवापी मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
ज्ञानवापी मामले में जब से कोर्ट का अहम फैसला आया तो हिन्दू पक्ष और मुखर हो गया, हिन्दू संतों ने इसे अपनी पहली जीत बताया है। पूरा काशी खुशी से झूम रहा है। इसके चलते आज काशी के अस्सी घाट पर एक दिव्य आरती का आयोजन किया गया।
आरती के आयोजकों का कहना है कि आज 1991 एक्ट पर जीत मिली है। काशीवासियों के उत्साह का इसी बात से पता चल रहा था कि बारिश के चलते भी वे इस दिव्य आरती में सम्मिलित हुए। शिवनगरी में रहने वाले भक्तों को पूरी उम्मीद है कि जल्दी ही वे अपने आराध्य विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना कर पाएंगे।