UP: वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, 228.69 हैक्टेयर फसल को नुकसान

Webdunia
शनिवार, 27 अगस्त 2022 (16:18 IST)
वाराणसी (यूपी)। वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है जिससे गंगा और वरुणा नदी के तटवर्ती इलाकों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ है और फसलों को भी नुकसान हुआ है। घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने से तटवर्ती क्षेत्रों के हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लिए हैं। आज राज्य के जलशक्ति मंत्री स्‍वतंत्र देव सिंह ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
 
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में अब तक 228.69 हैक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार सुबह 10 बजे तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार करते हुए 71.50 मीटर पर पहुंच गया जिससे गंगा और वरुणा के घाटों के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में पानी घुस चुका है और हजारों लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है।
 
एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर और बाढ़ पीड़ितों के विस्थापन को लेकर गुरुवार को चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को फोन कर राहत शिविरों में रह रहे लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
 
प्रशासनिक अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि 18 राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावित शरण लिए हैं और उनके रहने, खाने-पीने का बंदोबस्त किया गया है। राजातालाब तहसील के परशुपुर गांव निवासी राजन ने बताया कि बाढ़ का पानी गांव के खेतों में घुस चुका है। परशुपुर गांव के लगभग 15 बीघा धान का फसल पानी में डूब चुका है और खेतों में यदि कुछ दिन पानी लगा रहा तो फसल खराब हो जाएगी।
 
नगवा निवासी नंदलाल ने बताया कि उनके पूरे घर में बाढ़ का पानी घुस गया है जिससे काफी सामान को नुकसान पहुंचा है। परिजनों को रिश्तेदार के घर रहने भेज दिया है और खुद आसपास के ऊंचे घरों में रहकर घर की निगरानी कर रहे हैं। बाढ़ के पानी से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
 
उत्तर प्रदेश के जल शक्ति एवं वाराणसी मंडल के प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल एवं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के साथ बाढ़ राहत शिविर सरैया तथा नक्खी घाट का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सिंह ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों को दूध के पैकेट एवं खाद्य सामग्री के साथ-साथ बच्चों को केला, बिस्किट एवं दूध के पैकेट उपलब्ध कराए। सिंह ने अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद का निर्देश दिया।
 
उपजिलाधिकारी सदर हंसिका दीक्षित ने बताया कि वाराणसी सदर के 68 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। कुल 18 राहत शिविरों में अब तक 10104 बाढ़ पीड़ित शरण लिए हैं और उनके रहने खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है। उन्‍होंने बताया कि जिला प्रशासन की टीम लगातार बाढ़ग्रस्त इलाको में गस्त कर रही है और वहां फंसे लोगों की सहायता की जा रही है।
 
उपजिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को राहत सामग्री और चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ ही महिलाओं को 'डिग्निटी किट' जिसमें सैनिट्री किट के साथ साबुन इत्यादि वितरित किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि गंगा में बढ़ते जलस्तर और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और तैयार है।
 
उप जिलाधिकारी राजातालाब गिरीश चन्द्र द्विवेदी ने बताया कि अभी राजातालाब तहसील के गांवों में स्थिति नियंत्रण में है। कुछ खेत पानी में डूब चुके हैं और अगर गंगा का जलस्तर कुछ दिनों में घटने लगता है तो खेत से पानी निकल जाएगा और फसल को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
 
द्विवेदी ने दावा किया कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पूरी तैयारी कर ली गई है। राजातालाब तहसील क्षेत्र में छह राहत शिविर बनाए गए हैं। जिला प्रशासन के अनुसार जिले में गंगा और वरुणा की बाढ़ से नगर निगम के 18 वार्ड और लगभग 80 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं। जिला प्रशासन के अनुसार जिले में अब तक 228.69 हैक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। जनपद में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 18 राहत शिविर क्रियाशील हैं जिनमें बाढ़ पीड़ितों को भोजन-पानी के साथ ही चिकित्सकीय सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
 
वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कुल 40 मेडिकल टीम का गठन किया गया है। टीम को जरूरी दवाओं के साथ ओआरएस के पैकेट, क्लोरीन की गोलियां उपलब्ध कराई गई है। सभी सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। उन्‍होंने कहा कि किसी भी स्थिति में जनता को चिकित्सकीय सुविधाओं का अभाव नहीं होने दिया जाएगा।
 
उल्लेखनीय है कि वाराणसी में गंगा और वरुणा नदी का जलस्तर बढ़ने से जनजीवन असामान्‍य हो गया है और यहां के हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाटों के पानी में डूब जाने से शवों का दाह संस्कार आस-पास की गलियों में और छतों पर करना पड़ रहा है। वाराणसी में गंगा और वरुणा का जलस्तर बढ़ने से सभी घाट और आस पास के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग पलायन को मजबूर हैं।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India Pakistan Attack News : भारत के हमलों से डरकर बंकर में छिपे पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ

क्या है भारत का S-400 डिफेंस सिस्टम, जिसने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम

या खुदा आज बचा लो, फूट-फूटकर रोने लगा सांसद, Pakistan में Operation Sindoor का खौफ

India Attacks On Pakistan : राजस्थान में जिंदा पकड़ा गया पाकिस्तानी JF-17 का पायलट

पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना, मिसाइलों और ड्रोनों से किया हमला, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

सभी देखें

नवीनतम

India-Pakistan War : भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच व्हाइट हाउस का बयान, दोनों देशों से क्या चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री बोले- युद्ध के अलावा विकल्प नहीं, लोकेशन जानने के लिए हुआ ड्रोन हमला

26 से ज्यादा शहरों पर पाकिस्तान के ड्रोन हमले, फिरोजपुर में परिवार हुआ घायल, भारत का मुंहतोड़ जवाब, 15 मई तक 32 एयरपोर्ट बंद

India-Pakistan War : पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच WFH शुरू, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस ने दी सलाह

India-Pakistan War : पंजाब के फिरोजपुर में एक पाकिस्तानी ड्रोन हमले में परिवार घायल

अगला लेख