लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में एक होटल में आग लगने से 4 लोगों मौत के मामले में मंगलवार को होटल के 2 मालिकों और महाप्रबंधक को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अदालत ने तीनों को 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) अपर्णा कौशिक ने बताया कि होटल के मालिक राहुल और रोहित अग्रवाल के साथ उसके महाप्रबंधक सागर श्रीवास्तव को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों को 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
उल्लेखनीय है कि हजरतगंज इलाके में 4 मंजिला एक होटल में सोमवार सुबह आग लगने से 2 महिलाओं समेत 4 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कम से कम 10 लोग घायल हो गए थे। अधिकारियों ने उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद होटल की 4 मंजिला इमारत को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि मंगलवार को आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया एवं जांचकर्ताओं के अलावा अन्य किसी को जाने नहीं दिया गया। सोमवार की तड़के होटल में आग लग गई थी। स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग की टीमों को आग बुझाने, होटल के अंदर फंसे मेहमानों को बचाने और होटल के अंदर से शव निकालने में कई घंटे लग गए थे।
प्रशासन के अनुसार मृतकों की पहचान नाका हिंडोला (लखनऊ) निवासी गुरनूर सिंह आनंद (28), गणेशगंज (लखनऊ) निवासी साहिबा कौर उर्फ जसप्रीत (26), इंदिरा नगर (लखनऊ) निवासी श्राविका संत (30) और खुर्रम नगर (लखनऊ निवासी) अमन गाजी उर्फ बाबी (35) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार सोमवार की शाम आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया था जिनकी बाद में गिरफ्तारी की गई।
संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया ने सोमवार की रात बताया था कि मामले में होटल मालिक राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, पवन अग्रवाल (तीनों एक ही परिवार से) तथा होटल के महाप्रबंधक सागर श्रीवास्तव के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) तथा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लखनऊ मंडल की आयुक्त और लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष रोशन जैकब ने घटना के बाद सोमवार को एक कार्यालय आदेश में कहा कि एलडीए वीसी द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया कि जोनल अधिकारी ने 7 मई को लेवाना होटल को एक नोटिस भेजा था जिस पर उन्होंने 12 मई को जवाब दिया और 2021 से 2024 तक फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) का नवीनीकरण (प्रमाण पत्र) प्रस्तुत किया। प्रथम दृष्टया प्रबंधन प्रणाली के अभाव तथा फसाड पर लोहे की ग्रिलों के उपरांत भी अग्निशमन की अनापत्ति (एनओसी) कैसे जारी की गई, यह जांच का विषय है।
उन्होंने कहा कि भवन स्वामी द्वारा होटल के रूप में स्वीकृत मानचित्र की कोई प्रति लखनऊ, विकास प्राधिकरण को नहीं प्रस्तुत की गई है। उनके मुताबिक जोनल अधिकारी ने 26 मई, 2022 को नोटिस भी जारी किया तथा इस नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर 28 अगस्त को नोटिस जारी किया गया।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में तत्काल सीलिंग की कार्यवाही करते हुए विधि अनुसार प्रक्रिया पूर्ण कर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कराई जाए। जैकब ने यह भी कहा कि होटल का नक्शा पास हुए बिना होटल का संचालन कराने में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध प्रभावी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।
उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व में अन्य होटलों के लिए जारी नोटिस के बाद भी होटल मालिकों द्वारा अभिलेख प्रस्तुत न किए जाने पर उन होटलों के सीलिंग के निर्देश दिए हैं। जैकब ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को कार्यवाही की जिम्मेदारी दी है।(भाषा)